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सोमवार, 26 अक्तूबर 2015

अजीब रिश्ते

        अजीब रिश्ते

ये रिश्ते भी ,कैसे अजीब होते है
पासवाले दूर ,और दूर वाले करीब होते है
माँ को अपने दामाद पर ,
बेटे से ज्यादा प्यार आता है
क्योंकि वह उसकी बेटी पर  ,
अपना जी भर के प्यार लुटाता है
और दामाद भी ,अपने माँ बाप से ज्यादा,
प्यार करता है अपने ससुर और सास से
जिन्होंने अपनी पाली पोसी बेटी ,
उसके हवाले करदी,उसके विश्वास पे
उसे पराये घर से आये ,
अपने दामाद की हर बात सुहाती है
लेकिन पराये घर से आयी ,
अपनी बहू में कई कमियां नज़र आती है
सोचती है कि बहू ने कुछ जादू टोना किया है
उससे उसका बेटा छीन लिया है
उसके मायके से आयी हर चीज लगती है ,
सस्ती और बेकार
उसको ताने मारे जाते है हर बार
और दामाद को ,बिठाया जाता है,पलकों पर
उसकी आवभगत में जुट जाता है सारा घर
वो तो क्या ,उसके घरवालो का भी ,
'वी आई पी ' की तरह होता है सत्कार
त्योंहारों पर उन्हें भेजे जाते है उपहार
ये उपहार या शादी में दिया हुआ दहेज ,
एक तरह की रिश्वत है ,जिसका मतलब साफ़ है
जरा ख्याल रखियेगा ,
हमारी फ़ाइल आपके पास है
लेकिन मेरी समझ में ये बात नहीं आये
बहू और दामाद के लिए ,
अलग अलग मापदंड क्यों जाते है अपनाये?
जिन्हे समझदार बहू औरअच्छा दामाद मिलता है ,
वो बड़े खुशनसीब होते है
ये रिश्ते भी अजीब होते है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

1 टिप्पणी:

  1. आपसी तालमेल ठीक से बैठे तो रिश्ते सुमधुर बन बैठते हैं लेकिन अगर तालमेल गड़बड़ाया तो उन्हें रिसते देर नहीं लगती
    बहुत बढ़िया

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