सास का अहसास
बन गयी सास जो तो क्या ,जवां तुम अब भी लगती हो
संवारती और सजती जब, दुल्हनिया अब भी लगती हो
गलतफहमी हुई तुमको ,बुढ़ापा आ गया तुम पर
अदायें जब दिखाती हो ,चलाती अब भी हो खंजर
कशिश अब भी वही तुममे ,नशीला रूप है कातिल
गिराती बिजलियाँ हो ,मुस्करा के लूट लेती दिल
गठीला तन तुम्हारा और भी गदरा गया अब है
कभी थी छरहरी ,मांसल काया ,हो गयी अब है
बरसता प्यार है घर में, विवाहित है नयी जोड़ी
देख वातावरण ,रोमांटिक ,हो जाओ तुम थोड़ी
लुटाती प्यार मुझ पर मेहरबां, तुम अब भी लगती हो
बन गयी सास जो तो क्या ,जवां तुम अब भी लगती हो
घोटू
बन गयी सास जो तो क्या ,जवां तुम अब भी लगती हो
संवारती और सजती जब, दुल्हनिया अब भी लगती हो
गलतफहमी हुई तुमको ,बुढ़ापा आ गया तुम पर
अदायें जब दिखाती हो ,चलाती अब भी हो खंजर
कशिश अब भी वही तुममे ,नशीला रूप है कातिल
गिराती बिजलियाँ हो ,मुस्करा के लूट लेती दिल
गठीला तन तुम्हारा और भी गदरा गया अब है
कभी थी छरहरी ,मांसल काया ,हो गयी अब है
बरसता प्यार है घर में, विवाहित है नयी जोड़ी
देख वातावरण ,रोमांटिक ,हो जाओ तुम थोड़ी
लुटाती प्यार मुझ पर मेहरबां, तुम अब भी लगती हो
बन गयी सास जो तो क्या ,जवां तुम अब भी लगती हो
घोटू
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