एक नारी-दुखिया बेचारी
एक पूरब की नारी और एक दक्षिण की नारी ने,
एक इटली की नारी की ,बड़ी हालत बिगाड़ी है
एक चौथी भी है जो राज,राजस्थान में करती ,
हरा कर इटली वाली को,छीन सब सीट डाली है
वो जब सत्ता में थी पत्ता भी ना हिलता इजाजत बिन,
उसीके लोग देते ,उसके शहजादे को गाली है
जो टस से मस न होती थी,हिला डाला है लोटस ने,
डुबो दी नाव मोदी ने ,बड़ी दुखिया बिचारी है
घोटू
एक पूरब की नारी और एक दक्षिण की नारी ने,
एक इटली की नारी की ,बड़ी हालत बिगाड़ी है
एक चौथी भी है जो राज,राजस्थान में करती ,
हरा कर इटली वाली को,छीन सब सीट डाली है
वो जब सत्ता में थी पत्ता भी ना हिलता इजाजत बिन,
उसीके लोग देते ,उसके शहजादे को गाली है
जो टस से मस न होती थी,हिला डाला है लोटस ने,
डुबो दी नाव मोदी ने ,बड़ी दुखिया बिचारी है
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।