एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

सोमवार, 28 अप्रैल 2014

खून

        खून

माँ बाप ,बेटी बेटे जिनसे रिश्ता खून का,
                       उन सबके लिए होता दिल में हमको प्यार है
बढ़ता दबाब खून का ,बीमारियां होती,
                        ज्यादा मिठास खून में भी ,नागवार  है
जब जाने जिगर ,दिलरुबा ,आती करीब है ,
                        तो आने लगता खून में ,अक्सर उबाल है
दुश्मन भी आता सामने तो खून उबलता ,
                        खून के इंसान की ,फितरत कमाल है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-