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सोमवार, 10 अक्तूबर 2011

दीपक बाबा की प्रेरणा से -- बक बक

दीपक बाबा की प्रेरणा से -- बक बक

निर्बुद्धि की जिन्दगी, सुख-दुःख से अन्जान |
निर्बाधित जीवन जिए,  डाले  न व्यवधान  ||

बुद्धिमान करता रहे , खाकर-पीकर मौज |
एकाकी जीवन जिए, नहीं  बढ़ाये  फौज ||
http://4.bp.blogspot.com/_dhoMIsj0SUU/TVIuCd3zIdI/AAAAAAAAHLY/EDNVDat6MJA/s1600/a_mayawati_0414.jpg
बुद्धिवादी परिश्रमी,  पाले  घर  परिवार |
मूंछे  ऐठें  रुवाब से,  बैठे  पैर  पसार  ||
बुद्धिजीवी  का  बड़ा, रोचक  है  अन्दाज |
जिभ्या ही करती रहे, राज काज आवाज ||
Former Chief Minister of Madhya Pradesh and Congress leader Digvijay Singh gestures during an interview, in New Delhi on March 26, 2009.
बुद्धियोगी  हृदय  से,  लेकर  चले समाज |
करे भलाई जगत का, दुर्लभ हैं पर आज ||
Anna Hazare and Mahatma Gandhi

3 टिप्‍पणियां:

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    जगजीत सिंह आधुनिक गजल गायन की अग्रणी है.एक ऐसा बेहतरीन कलाकार जिसने ग़ज़ल गायकी के सारे अंदाज़ बदल दिए ग़ज़ल को जन जन तक पहुचाया, ऐसा महान गायक आज हमारे बिच नहीं रहा,
    उनके बारे में और अधिक पढ़ें : जगजीत सिंह

    जवाब देंहटाएं
  2. रविकर जी नमस्कार, बहुत बढिया लिखा है आपने बुध्दीजीवी रहे एकाकी नही बढाये फौज---

    जवाब देंहटाएं

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