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बुधवार, 3 अक्टूबर 2018

ऑउटडेटेड  रिश्ते 

दादा दादी ,नाना नानी 
ये सब है अब चीज पुरानी 
इनके दिन अब 'फेड 'हो गए 
ये 'ऑउटडेटेड' हो गये 

बीते दिन जब सभी पर्व में 
इन्हे पूजते सभी गर्व में 
सब 'रिस्पेक्ट ' दिया करते थे 
आशीर्वाद लिया करते थे 

लेकिन अब ये बूढ़े,खूसट 
सदा टोकना जिनकी आदत 
हरेक बात में टांग अड़ाते 
उंच नीच हमको समझाते 

'गेप' हो गया 'जनरेशन ' का 
इन्हे क्या पता न्यू फैशन का 
करना है यदि 'सेलिब्रेशन '
हम न चाहते है 'रिस्ट्रिक्शन '

इनके आगे लगता 'फियर '
खुल कर कह ना सकते 'चीयर '
हमें समझते अब भी बच्चा 
इन्हे 'अवॉइड 'करना अच्छा 

शायद इन्हे बुरा लगता है 
मौजमस्ती में सब चलता है 
दुखी मगर कुछ न बोलेंगे 
आशीर्वाद फिर भी ये देंगे 

घोटू 

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