निर्मल बुद्ध चेतना लेकर
-
निर्मल बुद्ध चेतना लेकरएक समन्दर विमल शांति काएक बगीचा ज्यों पुष्पों का,एक
अनंत गगन सम विस्तृतमौन एक पसरा मीलों का !दिवस अवतरण का पावन हैबरसों पूर्व
धरा पर...
12 घंटे पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।