मेरा प्यार लगता तुझे चोंचला है
मेरी जान तुझको ये क्या हो चला है
किये होंसले पस्त तुने अभी से
बुलंदी पे अब भी मेरा होंसला है
बढा प्यार मेरा है संग संग उमर के
उमर ही ढली है न यौवन ढला है
मचलते हैं जोशे जवानी में सब ही
मोहब्बत का असली पता अब चला है
उड़े सब परिंदे बसा अपनी दुनिया
अब हम दो बचे हैं और ये घोंसला है
मोहब्बत भरी ये मेरी धुंधली आँखें
तेरी झुर्रियों का पता कब चला है
चलो फिर से जी ले जवानी के वो दिन
यही सोच कर के नया सिलसिला है
मेरी जान तुझको ये क्या हो चला है
किये होंसले पस्त तुने अभी से
बुलंदी पे अब भी मेरा होंसला है
बढा प्यार मेरा है संग संग उमर के
उमर ही ढली है न यौवन ढला है
मचलते हैं जोशे जवानी में सब ही
मोहब्बत का असली पता अब चला है
उड़े सब परिंदे बसा अपनी दुनिया
अब हम दो बचे हैं और ये घोंसला है
मोहब्बत भरी ये मेरी धुंधली आँखें
तेरी झुर्रियों का पता कब चला है
चलो फिर से जी ले जवानी के वो दिन
यही सोच कर के नया सिलसिला है
खुबसूरत प्रस्तुति ||
जवाब देंहटाएंबहतु सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंमाशूक का बुढापा लज्ज़त दिला रहा है.
जवाब देंहटाएंअंगूर का मज़ा अब किशमिश में आ रहा है!
खूबसूरत!
आशीष
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लाईफ़?!?
sabhi sher achchhe lage, badhai.
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