रविकर की प्रस्तुति
(शुभकामनाएं)
कर करवल करवा सजा, कर सोलह श्रृंगार |
माँ-गौरी आशीष दे, सदा बढ़े शुभ प्यार ||
करवल=काँसा मिली चाँदी
कृष्ण-कार्तिक चौथ की, महिमा अपरम्पार |
क्षमा सहित मन की कहूँ, लागूँ राज- कुमार ||
(हास-परिहास)
कान्ता कर करवा करे, सालो-भर करवाल |
सजी कन्त के वास्ते, बदली-बदली चाल ||
करवाल=तलवार
करवा संग करवालिका, बनी बालिका वीर |
शक्ति पा दुर्गा बनी, मनुवा होय अधीर ||
करवालिका = छोटी गदा / बेलन जैसी भी हो सकती है क्या ?
शुक्ल भाद्रपद चौथ का, झूठा लगा कलंक |
सत्य मानकर के रहें, बेगम सदा सशंक ||
लिया मराठा राज जस, चौथ नहीं पूर्णांश |
चौथी से ही चल रहा, अब क्या लेना चांस ??
(महिमा )
नारीवादी हस्तियाँ, होती क्यूँ नाराज |
गृह-प्रबंधन इक कला, ताके पुन: समाज ||
मर्द कमाए लाख पण, करे प्रबंधन-काज |
घर लागे नारी बिना, डूबा हुआ जहाज ||
मर्द कमाए लाख पण, करे प्रबंधन-काज |
घर लागे नारी बिना, डूबा हुआ जहाज ||
Great post. I believe anyone likes your blog.
जवाब देंहटाएंSome people are too smart to be confined to the classroom walls! Here's a look at other famous school/college dropouts.
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प्रेरणा जी अद्भुत पोस्ट है ये आपकी...वाह...लाजवाब दोहे कहे हैं आपने...हास्य का पुट कमाल का है...बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंनीरज
वाह...लाजवाब पोस्ट..सुन्दर दोहे..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना! लाजवाब प्रस्तुती !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार है, दीदी, नीरज, सिंह |
जवाब देंहटाएंआप सभी का प्यार है, गूँजे रविकर - भृंग ||
वाह वाह ... गज़ब का हास्य और भावनाओं का मिश्रण ..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति,बधाई!
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढियाँ .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर. बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएंअबनीश निशा ह्यूमेन जी, और नास्वाँ सा'ब |
जवाब देंहटाएंईश्वर की कृपा रहे, हों पूरे सब ख़्वाब ||
आभार --