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शनिवार, 6 मई 2023

मां की याद 

बहुत आशिषे ,पाईं मैंने, मां छू चरण तुम्हारे 
तेरी सेवा करी ,मिल गए ,पुण्य जगत के सारे 

तेरी आंखों में लहराता था ममता का सागर 
तेरी शिक्षा से ही मेरा, जीवन हुआ उजागर 
मैंने पग पग चलना सीखा उंगली थाम तुम्हारी सदा स्नेह छलकाती रहती ,तेरी आंखें प्यारी 
जब भी कोई ,मुश्किल आई ,तूने रखा संभाले बहुत आशिषे,पाई मैंने , मां छू चरण तुम्हारे 

तूने पूरे परिवार को ,बांधे रखा हमेशा 
सब पर प्यार लुटाने वाला कोई न तेरे जैसा 
तेरी एक एक बातें मां , रह रह याद करूं मैं 
कोई गलत काम करने से, बचकर रहूं,डरूं मैं 
धर्म और सत्कर्म करो तुम ,थे आदर्श निराले 
बहुत आशिषे,पाई मैंने , मां छू चरण तुम्हारे

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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