एक फूल की जीवन यात्रा
केश की शोभा बन, रूपसी बाला के ,
सुंदर से बालों पर सजता सजाता हूं
केशव की मूरत को, फूलों की माला में,
गुंथ कर मैं पूजन में, पहनाया जाता हूं
या अंतिम यात्रा में ,मानव के जीवन की,
शव पर में श्रद्धा से ,किया जाता अर्पित हूं
केश से केशव तक ,जीवन से ले शव तक
मानव की सेवा में , सर्वदा समर्पित हूं
घोटू
जितने फूल तोड़े जाते हैं
जवाब देंहटाएंअसल में तो क़त्ल ही किये जाते हैं।
अच्छी रचना।
पुलिस के सिपाही से by पाश
ब्लॉग अच्छा लगे तो फॉलो जरुर करना ताकि आपको नई पोस्ट की जानकारी मिलती रहे.