कांवड़ -जल संरक्षण
शिवजी के मस्तक पर ,है जिसका उदगम
उस गंगा के जल को ,कावड़ में भर कर हम
शिवजी के मस्तक पर ,करते है समर्पण
ये है जल संरक्षण का कितना अच्छा उदाहरण
स्रोतों को पुनः जल प्लावित कर ,करें जलसंचयन
घोटू
शिवजी के मस्तक पर ,है जिसका उदगम
उस गंगा के जल को ,कावड़ में भर कर हम
शिवजी के मस्तक पर ,करते है समर्पण
ये है जल संरक्षण का कितना अच्छा उदाहरण
स्रोतों को पुनः जल प्लावित कर ,करें जलसंचयन
घोटू
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