प्यार करो तुम 'स्टाइल 'से
इश्क़ नहीं आसान जरा भी ,
ये तो है एक आग का दरिया
इसमें डूबो ,तब जानोगे ,
तकलीफें होती है क्या क्या
मुश्किल बहुत पटाना लड़की ,
कई बेलने पड़ते पापड़
उसके घर के और गलियों के ,
कई लगाने पड़ते चक्कर
अपनी चाह प्रकट करने का
कोई खोजना होगा रस्ता
,प्रेम प्रदर्शन करना होगा ,
लेकिन आहिस्ताआहिस्ता
उसके मन को मोहित करने ,
के उपाय अपनाने होंगे
प्रेम नीर से सींचों उपवन
तब ही पुष्प सुहाने होंगे
कई जतन करने पड़ते है ,
यार मिला करता मुश्किल से
इसीलिये यदि प्यार करो तो ,
प्यार करो तुम स्टाइल से
लड़की होती है शरमीली ,
धीरे धीरे हाथ आएगी
जल्दी जल्दी अगर करोगे ,
तो वो शायद भड़क जायेगी
जैसी तड़फ तुम्हारे दिल में ,
उतनी उसमे भी जगने दो
थोड़ी थोड़ी आग मिलन की
उसके दिल में भी लगने दो
उसका हृदय जीतना होगा ,
धीरे धीरे ,नहीं एकदम
मत बरसो घनघोर घटा से ,
बरसो तुम सावन से रिमझिम
अगर प्यार के मीठे फल का ,
सच्चा स्वाद तुम्हे है चखना
तो फिर उसके पक जाने तक ,
तुम्हे पड़ेगा धीरज रखना
समय लगेगा ,किन्तु लगेगी ,
तुम्हे चाहने ,सच्चे दिल से
इसीलिये यदि प्यार करो तो ,
प्यार करो तुम स्टाइल से
टाइम लगता ,आसानी से ,
नहीं कोई लड़की पटती है
उसके मन की झिझक हमेशा ,
धीरे धीरे ही घटती है
तुम्हे प्रतीक्षा करनी होगी ,
झटपट की मत करना गलती
तुम उतावले हो जाते हो ,
वो न पिघलती इतनी जल्दी
दे उपहार ,उसे बहलाओ ,
उसकी जुल्फों को सहलाओ
दिल में घुसो ,नयन द्वारे से ,
'आई लव यू 'उससे कहलाओ
इतनी मन में आग लगा दो ,
कि वह भी हो जाय दीवानी
मिलन प्रेमियों का हो जाए ,
हो सुखांत यह प्रेमकहानी
लाये दिवाली फिर जीवन में ,
प्रेम दीप ,अपनी झिलमिल से
अगर प्यार करना है तुमको ,
प्यार करो तुम स्टाइल से
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
,
इश्क़ नहीं आसान जरा भी ,
ये तो है एक आग का दरिया
इसमें डूबो ,तब जानोगे ,
तकलीफें होती है क्या क्या
मुश्किल बहुत पटाना लड़की ,
कई बेलने पड़ते पापड़
उसके घर के और गलियों के ,
कई लगाने पड़ते चक्कर
अपनी चाह प्रकट करने का
कोई खोजना होगा रस्ता
,प्रेम प्रदर्शन करना होगा ,
लेकिन आहिस्ताआहिस्ता
उसके मन को मोहित करने ,
के उपाय अपनाने होंगे
प्रेम नीर से सींचों उपवन
तब ही पुष्प सुहाने होंगे
कई जतन करने पड़ते है ,
यार मिला करता मुश्किल से
इसीलिये यदि प्यार करो तो ,
प्यार करो तुम स्टाइल से
लड़की होती है शरमीली ,
धीरे धीरे हाथ आएगी
जल्दी जल्दी अगर करोगे ,
तो वो शायद भड़क जायेगी
जैसी तड़फ तुम्हारे दिल में ,
उतनी उसमे भी जगने दो
थोड़ी थोड़ी आग मिलन की
उसके दिल में भी लगने दो
उसका हृदय जीतना होगा ,
धीरे धीरे ,नहीं एकदम
मत बरसो घनघोर घटा से ,
बरसो तुम सावन से रिमझिम
अगर प्यार के मीठे फल का ,
सच्चा स्वाद तुम्हे है चखना
तो फिर उसके पक जाने तक ,
तुम्हे पड़ेगा धीरज रखना
समय लगेगा ,किन्तु लगेगी ,
तुम्हे चाहने ,सच्चे दिल से
इसीलिये यदि प्यार करो तो ,
प्यार करो तुम स्टाइल से
टाइम लगता ,आसानी से ,
नहीं कोई लड़की पटती है
उसके मन की झिझक हमेशा ,
धीरे धीरे ही घटती है
तुम्हे प्रतीक्षा करनी होगी ,
झटपट की मत करना गलती
तुम उतावले हो जाते हो ,
वो न पिघलती इतनी जल्दी
दे उपहार ,उसे बहलाओ ,
उसकी जुल्फों को सहलाओ
दिल में घुसो ,नयन द्वारे से ,
'आई लव यू 'उससे कहलाओ
इतनी मन में आग लगा दो ,
कि वह भी हो जाय दीवानी
मिलन प्रेमियों का हो जाए ,
हो सुखांत यह प्रेमकहानी
लाये दिवाली फिर जीवन में ,
प्रेम दीप ,अपनी झिलमिल से
अगर प्यार करना है तुमको ,
प्यार करो तुम स्टाइल से
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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