मच्छर की फ़रियाद
गौर वर्ण तुम सुन्दर देवी ,मै अदना सा मच्छर काला
तुम्हारे गालों पर बैठूं , करूं रूप रसपान तुम्हारा
गोरे हाथों में काला'हिट' लेकर तुम मुझ पर बरसाती
इधर उधर उड़ता फिरता मैं ,नानी मुझे याद आ जाती
तुम हिटलर सी 'हिट'लेकर के,करती बहुत जुलम हो मुझ पर
मुश्किल से मैं जान बचाता ,तुम्हारी जुल्फों में छिप कर
पर तुमतो बगदादी जैसी ,बन जाती हो एक जेहादी
बड़ी क्रूर ,आतंकी बनकर ,सदा चाहो मेरी बरबादी
या नरेंद्र मोदी सी बन कर ,जब तुम्हारा जादू चलता
मेरी हालत कॉंग्रेस सी ,हो जाती पतली और खस्ता
तुम्हे पता है ,हम सब मच्छर ,पानी में है पनपा करते
पानीदार तुम्हारा चेहरा ,इसीलिये है उस पर मरते
गोर गालों पर काला तिल,बनू ,निखारूँ रूप तुम्हारा
मुझ पर दया करो तुम देवी ,मैं तुम्हारा ,आशिक प्यारा
गौर वर्ण तुम सुन्दर देवी ,मैं अदना सा मच्छर काला
तुम्हारे गालों पर बैठूं ,करूँ रूप ,रसपान तुम्हारा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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गौर वर्ण तुम सुन्दर देवी ,मै अदना सा मच्छर काला
तुम्हारे गालों पर बैठूं , करूं रूप रसपान तुम्हारा
गोरे हाथों में काला'हिट' लेकर तुम मुझ पर बरसाती
इधर उधर उड़ता फिरता मैं ,नानी मुझे याद आ जाती
तुम हिटलर सी 'हिट'लेकर के,करती बहुत जुलम हो मुझ पर
मुश्किल से मैं जान बचाता ,तुम्हारी जुल्फों में छिप कर
पर तुमतो बगदादी जैसी ,बन जाती हो एक जेहादी
बड़ी क्रूर ,आतंकी बनकर ,सदा चाहो मेरी बरबादी
या नरेंद्र मोदी सी बन कर ,जब तुम्हारा जादू चलता
मेरी हालत कॉंग्रेस सी ,हो जाती पतली और खस्ता
तुम्हे पता है ,हम सब मच्छर ,पानी में है पनपा करते
पानीदार तुम्हारा चेहरा ,इसीलिये है उस पर मरते
गोर गालों पर काला तिल,बनू ,निखारूँ रूप तुम्हारा
मुझ पर दया करो तुम देवी ,मैं तुम्हारा ,आशिक प्यारा
गौर वर्ण तुम सुन्दर देवी ,मैं अदना सा मच्छर काला
तुम्हारे गालों पर बैठूं ,करूँ रूप ,रसपान तुम्हारा
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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