तैरना
ये दुनिया,
पानी भरा तालाब है
इसमें तुम जब उतरते हो
डूबने लगते हो
पानी में हाथ पैर मारोगे,
तो बदले में पानी भी,
तुम्हे ऊपर की तरफ उछालेगा
और तुम्हारा ये हाथ पैर मारना ही,
तुम्हे डूबने से बचा लेगा
डर को भगाओगे
तो अपने आप तैरना सीख जाओगे
क्योंकि मुझे,आपको सबको पता है
की मार के आगे भूत भी भागता है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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*मन**- आँगन झंकार*
*शीला मिश्रा*
*आया है सावन **, **है मनभावन**, **बहने लगी बयार।*
*बूँदों से सजती**, **न्यारी धरती**, **टिपटिप की है धार।।*
*नदियाँ ह...
16 घंटे पहले
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल के चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आकर चर्चामंच की शोभा बढायें
जवाब देंहटाएंधन्यवाद -आपको मेरी रचना को चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आभार -घोटू
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