जब युद्ध में हो संवाद !
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जब युद्ध में हो संवाद घंटनाद मंदिरों के अब बन जाने दो सिहंनाद,आज वही युग
आया जब युद्ध में हो संवाद !जाग उठे अब जन-जन ऐसी रणभेरी बजने दो, क्रांति
बिगुल बजाए...
18 घंटे पहले
सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंआँखों का भी अदभुत फसाना है.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।
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