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सोमवार, 9 जनवरी 2012

ये आँखें



कभी अनमोल मोतियों
को गिरा देती हैं |
तो कभी बहुत कुछ 
अपने में छुपा लेती हैं ,
ये आँखें |
   -- " दीप्ति शर्मा "

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति.
    आँखों का भी अदभुत फसाना है.

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं

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