ज़िंदगी अधूरी तेरे बिन - भाग चार (04)
-
ज़िंदगी अधूरी तेरे बिन - भाग चार (04)अंशुमनमैं घर पहुंचा तो घर में अंधेरा
था। मैंने सोचा कि प्रियंका सो रही होगी। लेकिन वह तो हमेशा मेरे लिए कुछ
लाइटें जलाक...
10 घंटे पहले
आपको बहुत बहुत बधाई --
जवाब देंहटाएंइस जबरदस्त प्रस्तुति पर ||
आधु-निकता धूनती, धिन-धिन धुन-धुन गीत,
जवाब देंहटाएंधूम-धडाका बज रहा, कान फोड़ संगीत |
कान फोड़ संगीत, मिटाता असली खुश्बू ,
चंडू पीकर मस्त, तोड़ता जाए बम्बू
कर भारत अफ़सोस, नहीं दो दिन भी टिकता,
लोकगीत को बेंच, खरीदते आधुनिकता
आपने सही लिखा...
जवाब देंहटाएं