तुम काहे को हो घबराती
तुम मेरे कारण चिंतित हो ,
मुझको तुम्हारी चिंता है ,
फिर से अच्छे दिन आएंगे
तुम काहे को हो घबराती
अपने मन को ना समझाती
हमने मिल जुल हंसी खुशी से
सुख-दुख सब जीवन के झेले
अपनी जोड़ी, जोड़ी प्रभु ने,
हम तुम जीवन भर के साथी
तुम काहे को हो घबराती
अपने मन को ना समझाती
संकट कटे ,कम हुई पीड़ा,
सुख के बादल फिर बरसेंगे
हम गाएंगे, मुस्कुराएंगे ,
फिर खुशियों के फूल खिलेंगे
बासंती मौसम आएगा
और हवा होगी मुस्काती
तुम काहे को हो घबराती
अपने मन को ना समझाती
मदन मोहन बाहेती घोटू
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