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बुधवार, 5 मार्च 2014

नेताओं का बुढ़ापा

         नेताओं का बुढ़ापा

स्वर्गलोक के देव, अप्सरायें न कभी बूढ़ी होती 
किन्तु बुढ़ापे  में मानव की,हालत बड़ी बुरी होती
हम लोग  रिटायर जब होते ,तो हो जाता है बुरा हाल
और नेता जब बूढ़े होते तो बन जाते है   राज्य पाल
क्या नेता होते देव तुल्य ,चिरयुवा ,जवां हरदम रहते
जो उनको चुन कर देव बनाते जीवन भर सब दुःख सहते

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

मंगलवार, 4 मार्च 2014

धन्यवादज्ञापन -महिला दिवस पर

   धन्यवादज्ञापन -महिला दिवस पर
 
जितनी भी महिलायें जीवन में आयी ,सबको करें याद
जिससे भी थोडा प्यार मिला ,उस हर महिला का धन्यवाद
                           माँ
जिसने नौ महीने  रखा कोख में ,पाला ,पोसा ,बड़ा किया
मेरे सुख ,दुःख का ख्याल रखा ,जिसके आँचल में दूध पिया
चलना सिखलाया ,थाम हाथ,जो ममता भरा हुआ सागर
उस जीवन दायिनी माता को ,शत शत प्रणाम ,मेरा सादर
                         बहने
हम साथ पले और बड़े हुए ,जिनके संग संग ,काटा बचपन
जिनकी राखी से बंध रहता ,जीवनभर प्यार भरा बंधन
भाई पर प्यार लुटाती जो ,उनकी निष्ठा के क्या कहने
है प्यार भरी और स्नेहशील ,मेरी प्यारी प्यारी बहने
                    पत्नी
जीवन के सूखे उपवन में ,वो आयी ,बहारें मुस्काई
एकाकीपन की पीर मिटी ,और सुधा प्रेम की सरसाई
जो स्वाति बूँद बन समा गयी ,इस ह्रदय सीप में मोती बन
वो पत्नी  जिसने प्यार दिया ,कर दिया सार्थक ये जीवन
                        बिटिया
मेरी बगिया में खिली कली ,मुस्काई,बड़ी हुई ,महकी
खुशियों से घर आबाद हुआ ,वो चंचल,चपल सदा चहकी
फिर हुई पराई वो बेटी ,खुश रहती है ,मुस्काती है
अब भी पापा की फ़िक्र जिसे ,जी भर कर प्यार लुटाती है
                    अन्य महिलायें
कितनी ही महिलायें आयी ,भाभी,चाची,दादी,नानी
कुछ सहपाठिन,कुछ सखी मित्र ,कुछ पडोसने ,कुछ अनजानी
जितनी भी महिलायें जीवन में आयी सबको करें याद
जिससे भी थोडा प्यार मिला ,उस हर महिला  का धन्यवाद

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

नज़रिया अपना अपना

         नज़रिया अपना अपना

हों कैसे भी हालत मगर ,कुछ लोग ढूंढ लेते खुशियां
 कुछ लोगों को हर सुख में ,भी आती  नज़र कई कमियां 
                                    नज़रिया अपना अपना
जैसे मरने पर हंसमुख जी को,चित्रगुप्त ने नरक दिया
तो गरम तेल में यमदूतों ने उन्हें पकड़ कर फेंक दिया
हंसमुख बोले जो पुण्य किया ,उसका भी थोडा  फल देते
थोडा सा बेसन मिल जाता ,तो गरम पकोड़े तल लेते
                                 नज़रिया अपना अपना
और दुखीराम को स्वर्ग मिला ,पहले तो थोडा हर्षाये
पर थोड़े दिन के बाद वही पहले से दुखी नज़र आये
बोले जो मिली अप्सरा है ,वो प्यार दिखाती है थोथा
पर अगर उर्वशी मिल जाती तो मज़ा और ही कुछ होता
                                  नज़रिया  अपना अपना

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

रविवार, 2 मार्च 2014

जब बीबी मइके जाती है

        जब बीबी मइके जाती है

ना ही खटपट,ना ही झंझट
हो जाता सब कुछ ,उलट पुलट
झगडे टंटे  जाते है छट
रातें कटती ,करवट,करवट
होते थे झटपट काम कभी ,
अब मुश्किल से हो पाते है
अच्छे अच्छे पतिदेवों को ,
भी देव याद  आ जाते है
जगती है मन में विरह पीड ,
हालत पतली हो जाती है
              जब बीबी मइके जाती है
होता जुदाई में बदन  जर्द,
इंसान त्रस्त  हो जाता है
सब सूना सूना लगता है ,
घर अस्त व्यस्त हो जाता है
जब आता है ये बुरा वक़्त ,
हो जाते अपने होंश पस्त
दिन भर रहते है सुस्त सुस्त ,
हो जाते इतने विरह ग्रस्त
उनकी बातें,मीठी यादें ,
आकर मन को तड़फाती है
                जब पत्नी  मइके जाती है
खो जाती घर की चहल पहल,
आती वो याद हमें हर पल
खाली खाली सा लगता है,
वो डबल बेड वाला कम्बल
मन की चंचलता जाती ढल,
दिल ,तिल तिल करके जलता है
जब दर्द जुदाई खलता है ,
मिलने को ह्रदय मचलता है
आ रहा फाग और मिलन आग,
मन में जल जल सी जाती है
               जब पत्नी मइके जाती है

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'      

पूत के लक्षण-पालने में

          पूत के लक्षण-पालने में
                          १
हमारा बेटा हुआ तो हमसे बेगम ने कहा
लगता है ये एकदम ही ,बाप पर अपने गया
साहबजादे ,बाप के गुण ,सभी दिखलाने लगे
पालने में पूत के लक्षण नज़र आने  लगे
                     २
अभी तो पैदा हुए है और अभी से आशिक़ी
मुस्कराने लगते है जब देखते कोई हसीं
कोई उनको चूमता तो बाँछ खिल जाने लगे
पालने में पूत के लक्षण नज़र आने  लगे
                         ३
हसीनों ने जब भी उनको अपनी गोदी में लिया
होगये  खुश ,मारने वो लग गए किलकारियां
पास देखा ,हसीनो को ,लार टपकाने   लगे
पालने में पूत के लक्षण नज़र आने लगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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