उपहार
चौराविसवें में जनम दिवस पर मुझको यह उपहार चाहिए
मुझे आपका प्यार प्यार बस सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए
जीवन की आपाधापी में ,कभी खुशी थी और कभी गम
कभी ताप गर्मी का झेला, कभी शीत में ठिठुराये हम
अब सूखा सूखा मौसम है ,बारिश की बौछार चाहिए
मुझे आपका प्यार प्यार बस, सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए
मैंने अब तक अपना जीवन ,स्वाभिमान के साथ जिया है
नहीं किसी से कुछ मांगा है ,सिर्फ दिया ही दिया दिया है
शुभकामनाएं मिले आपकी,आशीर्वाद हजार चाहिए
मुझे आपका प्यार प्यार बस सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए
गुलदस्ते में फूल महकते,हो कोई भी कांटा ना हो
रहे प्रेम से हंसते गाते ,जीवन में सन्नाटा ना हो
बचे हुए जीवन मुझको, पतझड़ नहीं , बहार चाहिए
मुझे आपका प्यार प्यार बस सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए
मदन मोहन बाहेती घोटू
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