एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

सोमवार, 7 जुलाई 2025

उपहार

चौराविसवें में जनम दिवस पर मुझको यह उपहार चाहिए 
मुझे आपका प्यार प्यार बस सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए 

 जीवन की आपाधापी में ,कभी खुशी थी और कभी गम 
कभी ताप गर्मी का झेला, कभी शीत में ठिठुराये हम 
अब सूखा सूखा मौसम है ,बारिश की बौछार चाहिए 
मुझे आपका प्यार प्यार बस, सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए 

मैंने अब तक अपना जीवन ,स्वाभिमान के साथ जिया है 
नहीं किसी से कुछ मांगा है ,सिर्फ दिया ही दिया दिया है 
शुभकामनाएं मिले आपकी,आशीर्वाद हजार चाहिए  
मुझे आपका प्यार प्यार बस सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए

 गुलदस्ते में फूल महकते,हो कोई भी कांटा ना हो 
रहे प्रेम से हंसते गाते ,जीवन में सन्नाटा ना हो
 बचे हुए जीवन मुझको, पतझड़ नहीं , बहार चाहिए 
मुझे आपका प्यार प्यार बस सिर्फ प्यार ही प्यार चाहिए 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-