मुक्तक
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१
क्या भरोसा जिन्दगी की,सुबह का या शाम का
आज जो हो,शुक्रिया दो,उस खुदा के नाम का
गर्व से फूलो नहीं और ये कभी भूलो नहीं,
अंत क्या था गदाफी का,हश्र क्या सद्दाम का
२
नहीं सौ फ़ीसदी खालिस,इस सदी में कोई है
धन कमाने की ललक में,शांति सबकी खोई है
बीज भ्रष्टाचार के,इतने पड़े है है खेत में,
काटने वो ही मिलेगी,फसल जो भी बोई है
३
है बहुत सी कामनाएं,काम ही बस काम है
ना जरा भी चैन मन में,और नहीं आराम है
आप जब से मिल गए हो,एसा है लगने लगा,
जिंदगी एक खूबसूरत सी बला का नाम है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
अच्छी कमाई वाली महिला गुजारा भत्ते की हकदार नहीं-इलाहाबाद हाईकोर्ट
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा कि
*"अगर कोई पत्नी अच्छी नौकरी करती है और अपना गुज़ारा करने के लिए काफ़ी सैलरी
कमाती है तो वह CrPC की धारा 125 के...
18 घंटे पहले
bahut khoob
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