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शुक्रवार, 8 मार्च 2013

बिन घूँघरू ,नारी नाची रे

        घोटू के पद 
महिला दिवस पर विशेष

बिन घूँघरू ,नारी नाची रे

घरवाले सब नाच नचायें,फिरती भागी भागी रे
रही रात भर ,नींद उचटती ,सो ना पायी जागी रे
ससुर साहब ,खर्राटे भरते,सास रात भर खांसी रे
सुबह हुई ,जुट गयी काम में ,ले ना पायी उबासी रे
 चूल्हा चौका,झाड़ू पोंछा,बन गयी घर की दासी रे 
शाम पड़े तक ,पस्त होगई ,मुख पर छाई उदासी रे
सोते ही बस ,आँख लग गयी,पिया मिलन की प्यासी रे 
'घोटू'कठिन,नारी का जीवन ,खेल नहीं ना हांसी रे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'

सभी जगह छाई है महिला

            महिला दिवस पर विशेष 
                             
               सभी जगह छाई है महिला
   
विद्या देवी सरस्वती जी
धन की देवी श्री लक्ष्मी जी
शक्ति की देवी दुर्गा  है
इस जग की जननी ,महिला है
कांग्रेस में सोनिया गाँधी
दिल्ली की शासक  शीला जी 
तमिलनाडु में जय ललिता
तो फिर कोलकता में ममता
सभी जगह छाई है महिला
उनका नंबर सबसे पहला
हम सब ही नारी के बस है
अपना हर दिन,नारी दिवस है
                      
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

गुरुवार, 7 मार्च 2013

कत्था-चूना

       कत्था-चूना

देश को चूना लगाने वाले इन पनवाडियों  ने  
सत्ताधारियों ने
जनता के (खान)पान में ,इतना चूना लगाया है
कि  सारा का सारा मुख उपड आया है
और छाले पड  गए है जबान में
अब तो बस आएगा वो ही काम में
जो फटे हुए मुंह पर लगाएगा कत्था
अगली बार,वो ही पायेगा सत्ता

मदन मोहन बाहेती'घोटू'


बहुत तुम जुल्म ढाती हो

          बहुत तुम जुल्म ढाती हो

जो बोसा लूं,चुभे खंजर,
                    लूं चुम्बन काट खाती हो 
जो मै लूं हाथ हाथों में,
                     मुझे नाख़ून चुभाती  हो
जो फेरूँ हाथ जुल्फों पर ,
                      तो हेयरपिन मुझे चुभते,
बहुत तुम जुल्म ढाती हो,
                       जब मेरे पास आती हो

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

अबकी होली ऐसे खेलो

         अबकी होली ऐसे खेलो

घर के बुजुर्ग भी इन्सां है
उनके भी मन में अरमां है
एकाकीपन उन्हें खटकता है
मुश्किल से वक़्त  गुजरता है
तुम जान तभी ये पाओगे
जब तुम बूढ़े हो जाओगे
वे जीवनदाता  तुम्हारे
तुम लगते हो जिनको प्यारे
ये बात बहुत चुभती मन को 
कर रहे उपेक्षित तुम उनको
वे यह अहसान चाहते है
थोडा सा ध्यान चाहते है
मेरा तुमसे ये कहना है
वे बड़े दुखी है,तनहा है
उनका मन जरा टटोलो तुम
दो शब्द प्यार के बोलो तुम
मुट्ठी भर प्यार उन्हें दे दो
सुख का संसार उन्हें दे दो
अबकी होली में ले गुलाल
उनका मुंह रंग दो,लाल लाल
पग छुवो,करो प्रणाम उन्हें
दे दो थोडा सन्मान उन्हें
उनके झुर्राये  से मुख पर
उमड़ेंगे ,खुशियों के बादल
आँखों से बह कर प्रेमनीर
कर देगा तुमको भी अधीर
बस इतना सा कर देने पर
जायेंगे वो खुशियों से भर
वो दिल से तुम्हे दुआ देंगे  
और आशिषे बरसा देंगे

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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