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शनिवार, 15 दिसंबर 2012

      सपनो को क्या चाटेंगे

तुम भी मुफलिस ,हम भी मुफलिस,आपस में क्या बाटेंगे
बची खुची जो भी मिल जाए ,     बस वो       खुरचन  चाटेंगे 
एक कम्बल है ,वो भी छोटा,और सोने वाले  दो  हैं,
यूं ही सिकुड़ कर,सिमटे ,लिपटे,  सारा  जीवन  काटेंगे
लाले पड़े हुये खाने के,  जो भी दे  ऊपरवाला ,
पीस,पका  कर ,सब खा  लेंगे ,क्या बीनें,क्या छाटेंगे
झोंपड़ पट्टी और बंगलों के बीच खाई एक ,गहरी है,
झूंठे आश्वासन ,वादों से       ,कैसे इसको    पाटेंगे 
क्या धोवेगी और निचोडेगी ,ये किस्मत नंगी है,
यूं ही फांकामस्ती में  क्या  ,बची जिन्दगी काटेंगे
पेट नहीं भरता बातों से ,तुम जानो,हम भी जाने,
मीठे सपने,मत पुरसो  तुम,सपनो को क्या चाटेंगे

मदन मोहन बाहेती 'घोटू'

गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

जम्बू फल प्रियं

       जम्बू फल प्रियं 
( गजाननं भूतगणादी  सेवकं ,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणं ....)
 लम्बोदर है श्री  विनायक
आगे भरे थाल में  मोदक
मोदकप्रिय ,स्थूल देह है
शायद  इनको मधुमेह है
इसीलिए प्रिय फल है जामुन
जो करता है मधुमेह कम
मधुमेह उपचार कहाता
जामुन उनके  मन को भाता
      घोटू 

वकील या श्री कृष्ण

         वकील या श्री कृष्ण 

झगडा जोरू ,जमीन और ज़र का
ये  किस्सा तो है  हर घर का
भाई भाई के परिवार
जब हो आपस में लड़ने को तैयार
और किसी के मन में ये ख्याल आ जाय
भाई और रिश्तेदारों से क्यों लड़ा जाय
ऐसे में जो लडाई करने को उकसाता है 
वो या तो वकील होता है,
या श्री कृष्ण कहलाता है
        घोटू

pate ki baat


पक्षपात

      पक्षपात
जब होता है समुद्र मंथन
तो दानव और देवता गण
करते है बराबर की मेहनत
पर जब निकलता है अमृत
तो विष्णु भगवान,मोहिनी रूप धर
सिर्फ देवताओं को अमृत बाँट कर
स्पष्ट ,करते पक्षपात है
बरसों से चली आ रही ये बात है 
जो सत्ता में है,राज्य करते  है
अपने अपनों का घर भरते है
अपनों को ही ठेका और प्रमोशन
टू जी ,या कोल ब्लोक का आबंटन
देकर परंपरा निभा रहे है
तो लोग क्यों हल्ला मचा रहे है ?
          घोटू

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