सोचा न था इस तरह चला जायेगा वो
इन्तजार कर लें चाहें जितना ,
पर अब लौट के न आयेगा वो ,
कभी रोता कभी हँसता ,मुस्कुराता हुआ शरारतों से भरा
इस तरह बिछड़ जायेगा वो,
मांगते रह जायेंगे हम, पर अब न मिल पायेगा वो
यादों की दुनिया में जाके चुप गया है इस तरह की ,
अब ढूँढने पर भी नजर नहीं आयेगा वो ,
उस बचपन को अब यादों में ही तलाशना ,
क्योकि इस जनम में तो दोबारा नहीं मिल पायेगा वो ,
वो बचपन जो बिछड़ गया है हमसे सदा के लिए ,
यादों की दुनिया में ही मुस्कुराएगा वो,
सोचा न था इस तरह चला जायेगा वो
इन्तजार कर लें चाहें जितना ,
पर अब लौट के न आयेगा वो |
अनु डालाकोटी
इन्तजार कर लें चाहें जितना ,
पर अब लौट के न आयेगा वो ,
कभी रोता कभी हँसता ,मुस्कुराता हुआ शरारतों से भरा
इस तरह बिछड़ जायेगा वो,
मांगते रह जायेंगे हम, पर अब न मिल पायेगा वो
यादों की दुनिया में जाके चुप गया है इस तरह की ,
अब ढूँढने पर भी नजर नहीं आयेगा वो ,
उस बचपन को अब यादों में ही तलाशना ,
क्योकि इस जनम में तो दोबारा नहीं मिल पायेगा वो ,
वो बचपन जो बिछड़ गया है हमसे सदा के लिए ,
यादों की दुनिया में ही मुस्कुराएगा वो,
सोचा न था इस तरह चला जायेगा वो
इन्तजार कर लें चाहें जितना ,
पर अब लौट के न आयेगा वो |
अनु डालाकोटी