बच्चे तो रौनक है घर की
जीवन में खुशियां लाने को अनमोल भेंट ये ईश्वर की
बच्चे तो रौनक है घर की
नन्हे मुन्ने ,भोले भाले ,मासूम बहुत ,निश्चल निर्मल
पहले चलते घुटने घुटने फिर चलते उंगली पकड़ पकड़
पल में रोना पल में हंसना ,पल में दुध्दू पल में सुस्सु
है चेहरे पर मुस्कान कभी तो गालों पर बहते आंसू
गोदी में आना ,सो जाना पलकों पर निंदिया पल भर की
बच्चे तो रौनक है घर की
उनके छोटे-मोटे झगड़े ,हर रोज लगे ही रहते हैं
मम्मी से शिकायत करते पर,
पापा से डर कर रहते हैं
हरदम ही लगी रहा करती
इनकी कुछ ना कुछ फरमाइश
ये ढेरों खिलौने पा जाए ,हरदम रहती
इनकी ख्वाहिश
दिनभर करते ही रहते हैं , ये शैतानी दुनिया भर की
बच्चे तो है रौनक घर की
बच्चे जब होते हैं घर में तो चहल पहल सी रहती है
सन्नाटा नहीं काटता है ,घर में हलचल सी रहती है
ये बाल स्वरूप कन्हैया है ,नटखट इनकी लीलाएं हैं
तुम्हारे जीवन में हरदम खुशियां बरसाने आए हैं
इन पर न्योछावर कर दो तुम
ममता अपने जीवन भर की
बच्चे तो रौनक है घर की
मदन मोहन बाहेती घोटू
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