हर दिन
तुम खुश मेरी पूनम उस दिन
तुम नाराज अमावस उस दिन
जिस दिन भृकुटी तनी तुम्हारी,
उस दिन तपन, गरम लू चलती
जिस रहती खफा मौन तुम ,
वह सरदी की रात ठिठुरती
जिस दिन बरसे प्यार तुम्हारा,
उस दिन ही सावन की रिमझिम
तुम खुश मेरी पूनम उस दिन
तुम नाराज़,अमावस उस दिन
जिस दिन तुम हंसती, मुस्कुराती,
चलती है बयार बासंती
तुम्हारे मिजाज के माफिक
मेरी सारी ऋतुएं बनती
जब तुम चहको, पंछी चहके,
जब तुम बहको ,बहके मौसम
तुम खुश ,मेरी पूनम उस दिन
तुम नाराज़,अमावस उस दिन
जब तुम मुंह ढक कर सोती हो,
उस दिन चंद्र ग्रहण है लगता
जब तुम अंगड़ाई लेती हो ,
छाती मस्तानी मादकता
बिन तुम्हारे नींद ना आती ,
रात गुजरती तारे गिन गिन
तुम खुश, मेरी पूनम उस दिन
तुम नाराज ,अमावस उस दिन
मदन मोहन बाहेती घोटू
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