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गुरुवार, 25 मार्च 2021

मेरा यार -चाट का भंडार

सोंधी सोंधी आलू की टिक्की करारी ,
दही भल्ले की सुहानी चाट हो तुम
खट्टा मीठा ,भरा पानी गोलगप्पा ,
भेलपूरी का पुराना  ठाठ हो तुम
ताजे मख्खन में बनी  तुम पाव भाजी ,
या बड़ा और पाव सी मन को लुभाती
कभी छोले भठूरे सी टेस्टी तुम ,
समोसे की तरह ,सबको ही सुहाती
या मसाला प्याज की तुम हो कचौड़ी
सवेरे के नाश्ते का गरम पोहा
या हो साउथ इंडियन डोसा मसाला ,
मुलायम इडली सभी केदिल को मोहा
सेव रतलामी या बीकानेरी भुजिया ,
या कि हो दालमोठ प्यारा आगरा का
ढोकला और खांडवी गुजरात की तुम ,
स्वाद तुममे  समाया है फांफड़ा का
प्याज की प्यारी पकोड़ी ,मूंग भजिया ,
गर्म मिलती ,सदा लगती स्वाद हो तुम
आजकल तुम चाइना की चाउमीन हो ,
पास्ता और ,पीज़ा बन ,आबाद हो तुम  
ग़र्ज ये है मिलती जिस भी रूप में  ,
मुंह में मेरे टपका देती लार हो तुम
चटपटापन तुम्हारा देता है न्योता ,
यार मेरे चाट का भण्डार हो तुम  

मदन मोहन बाहेती 'घोटू '

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