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शुक्रवार, 8 जनवरी 2021

कसूर और जुर्बाना

मूड उनका सोने का था ,हमने सोने ना दिया ,
जुर्बाने में सोने के जेवर दिलाना  पड़  गया
 गाने गा गा बेसुरे  ,उनको पकाया ,फल मिला ,
खाना उसदिन शाम को ,हमको पकाना पड़ गया
उलटी सीधी ,बेतुकी ,बातों से चाटा इस कदर ,
आलू टिक्की ,चाट सब ,उनको खिलाना पड़ गया
मार उनके प्यार की ,हम पर पड़ी कुछ इस तरह
मारकेटिंग के लिए ,उनको ले जाना पड़  गया

घोटू 

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