बीस की बिदाई
जाओ बीस तुम,लेकर जाओ ,कोरोना को साथ में
ताकि फिर से सुख और शांति आ जाए हालात में
आया कोरोना ,एक बहेलिया ,फंसा जाल में हमे लिया
हम उन्मुक्त गगन में उड़ने वालों को था कैद किया
रहे फड़फड़ा पंख ,बंद हम ,पिंजरे में ही सारे थे
भूल चहकना गये ,मौन सब ,परेशानियों मारे थे
दहशत छोड़ ,मिले आजादी ,उड़े खुले आकाश में
जाओ बीस तुम ,लेकर जाओ ,कोरोना को साथ में
हटे बंदिशें ,बाजारों में ,पहले जैसी रौनक हो
हंसी ख़ुशी मिल ,सभी मनाये ,त्योंहारों में रंगत हो
खुलें सिनेमाहाल ,रेस्त्रां,मस्ती हो और चहल पहल
फिर से वही पुराने ढर्रे ,आये जिंदगी की हलचल
ऐसा इक्कीस आये ,भिगो दे ,खुशियों की बरसात में
जाओ बीस तुम ,लेकर जाओ ,कोरोना को साथ में
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
जाओ बीस तुम,लेकर जाओ ,कोरोना को साथ में
ताकि फिर से सुख और शांति आ जाए हालात में
आया कोरोना ,एक बहेलिया ,फंसा जाल में हमे लिया
हम उन्मुक्त गगन में उड़ने वालों को था कैद किया
रहे फड़फड़ा पंख ,बंद हम ,पिंजरे में ही सारे थे
भूल चहकना गये ,मौन सब ,परेशानियों मारे थे
दहशत छोड़ ,मिले आजादी ,उड़े खुले आकाश में
जाओ बीस तुम ,लेकर जाओ ,कोरोना को साथ में
हटे बंदिशें ,बाजारों में ,पहले जैसी रौनक हो
हंसी ख़ुशी मिल ,सभी मनाये ,त्योंहारों में रंगत हो
खुलें सिनेमाहाल ,रेस्त्रां,मस्ती हो और चहल पहल
फिर से वही पुराने ढर्रे ,आये जिंदगी की हलचल
ऐसा इक्कीस आये ,भिगो दे ,खुशियों की बरसात में
जाओ बीस तुम ,लेकर जाओ ,कोरोना को साथ में
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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