अरुण ज्योति मिलन उत्सव
पचासवीं वर्षगाँठ
१
दिवस आज का ख़ास है ,मन में है उल्लास
अरुण ज्योति के मिलन को,बीते बरस पचास
बीते बरस पचास ,सुखी रह कर मुस्काये
जीवन बगिया महकाई ,दो पुष्प खिलाये
प्यारी बेटी सोनू ,सोहना पुत्तर आश्विन
हंसी ख़ुशी बीते इनके जीवन का हर दिन
२
बम्बई की कच्ची कली ,उज्जैन का मासूम
दोनों ने मिल मचाई ,देखो कैसी धूम
देखो कैसी धूम ,सुखी परिवार बसाया
मिली अरुण को ज्योति ,पूरा घर चमकाया
कह घोटू कविराय बन गए अब भोपाली
घूम फिर कर के मौज मनाते,शान निराली
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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