रात के तूफ़ान के बाद
थोड़ी सी शरारत मैंने की ,थोड़ी सी शरारत तुमने की ,
पर ये सच है कि शरारतें ,दोनों की प्यारी प्यारी थी
इस सर्द ठिठुरते मौसम में ,तन मन में आग लगा डाली ,
हम दोनों को ही जला गयी ,ऐसी भड़की चिंगारी थी
दो घूँट प्यार के मैंने पिये ,दो घूँट प्यार के तुमने पिये ,
हम मतवाले मदहोश हुये ,कुछ ऐसी चढ़ी खुमारी थी
अब जब तूफ़ान थम गया है ,मुझको इतना तो बतला दो ,
ये पहल करी थी मैंने या इसमें फिर पहल तुम्हारी थी
घोटू
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