टावर वन की पिकनिक
१
पिकनिक किट्टी के लिए,छोड़ा अपना 'नेस्ट'
टावर वन की रानियां, जा पहुंची ' फारेस्ट'
जा पहुंची ' फारेस्ट ', मचाई मस्ती ऐसी
खुली हवा में ,सजधज ,उडी तितलियों जैसी
सबने अपना अपना एक पकवान बनाया
सबने मिलजुल ,बीस घरों का स्वाद उठाया
२
वन्दनाजी की सेन्डविच,और पीनट की चाट
मीनाजी के सूप का ,था अपना ही ठाठ
था अपना ही ठाठ ,ढोकले तृप्तिजी के
एक से बढ़ एक स्वाद रहे पकवान सभी के
सुनीता जी की खीर, जलेबी तारा जी की
राज आंटी की चाय ,रही फेवरिट सभी की
३
सीमाजी की पूरियां,मिस्सी ,बड़ी लजीज
शालिनी जी के दहीबड़े,बड़े गजब की चीज
बड़े गजब की चीज ,स्नेहा जी के छोले
अनीता जी की दाल बाटियाँ ,सर चढ़ बोले
मोनिका जी का चिल्ली चाप ,चटपटा सुहाया
कंचन जी का फ्रुटसलाद ,सभी को भाया
४
मिले जुले पकवान थे ,मिलाजुला था स्वाद
मिल जुल खाये सभी ने,सदा रहेंगी याद
सदा रहेगी याद ,किट्टी के पिकनिक वाली
खुली धूप में खेलकूद और मस्ती प्यारी
फिर भी दिल का एक कोना था सूना सूना
होते पति जो साथ,मज़ा आ जाता दूना
घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।