तिलहन,दलहन और दुल्हन
लोग क्लोरोस्ट्राल से घबराते है
इसलिए तेल कम खाते है
फिर भी तेल के दाम बढे जाते है
उपज कम है,इसलिए ,मंहगी है तिलहन भी
सब तरफ दाल में काला ही काला है
मंहगाई ने सबका दम ही निकाला है
दाल बिना रोटी का सूखा निवाला है
कम होती है पैदा,मंहगी है, दलहन भी
नारी तो है देवी,नारी है मातायें
लेकिन नारी को ही,अब बेटी ना भाये
नहीं रुकी कन्या के भ्रूण की हत्याएं
हो जाएगी दुर्लभ,तब मिलना दुल्हन भी
मदन मोहन बहेती'घोटू'
उस सन्नाटे के पीछे तब
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उस सन्नाटे के पीछे तबजहाँ शब्द साथ न देते हों जब सूना-सूना अंबर हो, घन का
कतरा भी नहीं एक जो ढक लेता है सूरज को !उस ख़ालीपन को जो भर दें भावों का
भी अभा...
1 घंटे पहले