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बुधवार, 26 मार्च 2025

किस्मत 

नहीं कुछ हाथ लगना है तो गम खाने से क्या होगा 
जहां ना दाल गलनी है, वहां जाने से क्या होगा

यही वह सोच है जो रोकती है हमको पाने से,

चुग गई खेत जब चिड़िया,तो पछताने से क्या होगा 
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सकेगा रोक ना कोई, लिखा होगा जो किस्मत में

 परेशान व्यर्थ होते हो, यूं ही कोई की चाहत में

अगर जो ना मिला कोई, तुम्हें जीते जी दुनिया में,

यकीन मानो हजारों हूरें, मिल जाएगी जन्नत में

मदन मोहन बाहेती घोटू 

असर


जीतता ट्रंफ यू एस ए,मेरे शेयर लुढ़क जाते 


रूस यूक्रेन लड़ते तो भाव सोने की बढ़ जाते 


मेरे खाने में मिर्ची और नमक अनुपात बढ़ जाता,

 हमारा झगड़ा होता जब, तेरे तेवर में चढ़ जाते 


मदन मोहन बाहेती घोटू

मंगलवार, 25 मार्च 2025

कभी साबुन की बट्टी था, भरा खुशबू से जीवट मैं 

घिसा तुमको सजाने में ,रह गया एक चीपट मै 

काम आऊंगा मैं अंत तक, रखोगे चिपका जो मुझको,

अकेला छोड़ा तो गल कर, निपट जाऊंगा झटपट मैं

रविवार, 23 मार्च 2025

हमेशा मुस्कराएं हम 
1
न कोई मेरा दुश्मन है, नहीं कोई विरोधी है

फसल ऐसी मोहब्बत की,सभी के दिल में बो दी है 
कोई ने फेंका पत्थर तो, मैंने उत्तर में फल बांटे,

भलाई करने वालों की, हमेशा जीत होती है 
2
कभी हम तुममें झगड़ा था चलो अब भूल जाएं हम 
मिलाएं हाथ हाथों से और दिल से दिल मिलाएं हम 
बड़ी रंगीन और सुंदर लगेगी तुमको यह दुनिया,
जहां बस प्यार ही हो प्यार ,हरदम मुस्कुराए हम

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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