पते की बात
पत्थर
जिंदगी में फूल थोड़े ही खिलेंगे
लोग अक्सर फेंकते पत्थर मिलेंगे
आप पर है ,किस तरस से काम लाओ
बनाओ दीवार या फिर पुल बनाओ
घोटू
संवेदना के शिल्पकार श्याम बेनेगल को नमन
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बचपन का सिनेमा अक्सर गीतों, नृत्य और रोमांच से भरा होता था। जब भी श्याम
बेनेगल की कोई फिल्म देखता था, तो ऐसा लगता जैसे यह बाकी फिल्मों से अलग है। न
गाने, ...
7 घंटे पहले