बदलाव
जीवन बड़ा हसीन ना रहा ,जो पहले था
मन उतना रंगीन ना रहा ,जो पहले था
अब लगाव कम हुआ, विरक्ति भाव आ गया
ईश्वर के प्रति थोड़ा भक्ति भाव आ गया
मोह माया से धीरे-धीरे उचट रहा मन
कहीं न टिकता, इधर उधर ही भटक रहा मन
खुद पर कोई यकीन ना रहा ,जो पहले था
मन उतना रंगीन ना रहा,जो पहले था
कुछ करने को पहले जैसा जोश नहीं है
जो होता है, हो जाता है, होश नहीं है
धीरे-धीरे समय हाथ से फिसल रहा है
जीने के प्रति सोच, नजरिया बदल रहा है
जीवन अब शौकीन ना रहा ,जो पहले था
मन उतना रंगीन ना रहा,जो पहले था
मदन मोहन बाहेती घोटू
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