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सोमवार, 30 अप्रैल 2018

पढ़ाना हमको आता है 

चने के झाड़ पर सबको, चढ़ाना हमको आता है 
कोई भी काम में टंगड़ी अड़ाना  हमको आता है 
भले ही खुद परीक्षा में ,हो चुके फैल हो लेकिन,
ज्ञान का पाठ औरों को ,पढ़ाना हमको आता है 
कोई की भी पतंग को जब ,देखते ऊंची है उड़ती ,
तो उसको काटने पेंचें ,लड़ाना हमको आता है 
किसी की साईकिल अच्छी ,अगर चलती नज़र आती ,
उसे पंक्चर करें ,कांटे गड़ाना हमको आता है 
बिना मतलब के ऊँगली कर मज़ा लेने की आदत है ,
बतंगड़ बात का करके ,बढ़ाना  हमको आता है 
न तो कुछ काम हम करते ,न करने देते औरों को ,
कमी औरों के कामो में ,दिखाना हमको आता है 
हमारे सुर में अपना सुर ,मिला देते है कुछ चमचे ,
यूं ही हल्ला मचाकर के सताना हमको आता है 

घोटू 

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