प्यार की परिणीति
होता है बेचैन ये मन,और तन अंगार है
ऐसा ही होता है कुछ कुछ ,जिसे प्यार है
औरजब होता मिलन तो होश कुछ रहता नहीं ,
क्या मोहब्बत इश्क़ का ,होता यूं ही इजहार है
इंतजारी ,बेकरारी से है जिसकी करते हम,
चंद लम्हों में ही मन कर ,रहता वो त्योंहार है
कुछ ही पल में जाती है बुझ ,तन की वो सारी अगन,
जो सुलगाता जिगर में , आपका दीदार है
पस्त होकर तुम पड़े हो,पस्त होकर हम पड़े,
और बिखर कर रह गया सब साजऔर श्रृंगार है
घोटू
होता है बेचैन ये मन,और तन अंगार है
ऐसा ही होता है कुछ कुछ ,जिसे प्यार है
औरजब होता मिलन तो होश कुछ रहता नहीं ,
क्या मोहब्बत इश्क़ का ,होता यूं ही इजहार है
इंतजारी ,बेकरारी से है जिसकी करते हम,
चंद लम्हों में ही मन कर ,रहता वो त्योंहार है
कुछ ही पल में जाती है बुझ ,तन की वो सारी अगन,
जो सुलगाता जिगर में , आपका दीदार है
पस्त होकर तुम पड़े हो,पस्त होकर हम पड़े,
और बिखर कर रह गया सब साजऔर श्रृंगार है
घोटू
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