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सोमवार, 6 मई 2013

फुल्लो की फ्रोक

    

कहीं पर पढ़ी थी ,एक छोटी सी कहानी 
एक थी फुल्लो  रानी 
गाँव की छह सात साल की अबोध बालिका 
बचपन में ही हो गयी थी ,उसकी सगाई 
और उसकी माँ ने थी उसको या बात समझाई 
ससुरालवालों के सामने शर्म करते है 
कभी वो सामने आ जाए तो मुंह ढकते है 
एक दिन वो पहन कर के फ्रोक 
खेल रही थी सहेलियों के साथ 
तभी ससुरालवालों को सामने से आता देख ,
फुल्लो ने हड़बड़ी में क्या किया 
अपनी फ्रोक  ऊंची की,और मुंह ढक लिया 
नन्ही मासूम को माँ की बात याद आयी 
लेकिन वो ये समझ न पायी 
मुंह तो ढक लिया पर नीचे से वो नगन है 
आज की राजनीती का भी ये ही चलन है 
जब कोइ किसी  नेता पर,
 भष्टाचार का इल्जाम लगाता है        
तो फुल्लो  की तरह ,फ्रोक से ,
 अपना मुंह ढकने की कोशिश तो  करता है ,
 पर नीचे का नंगापन ,सबको दिख जाता है 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

किसी की ख़ुशी-किसी का गम

    किसी की ख़ुशी-किसी का गम

नेताजी के घर पोता पैदा हुआ ,
चमचों ने ख़ुशी मनाई
और बांटी मिठाई
पर कुछ देशप्रेमी विद्वजन व्यथित हुए
एक,दो नए स्कीमो का बोझ ,
देश को और झेलना पडेगा ,
इस चिंता में चिंतित हुए
क्योंकि नेताजी ने ,अब तक की,
 पीढ़ियों का इंतजाम तो कर लिया था,
अब एक नयी पीढ़ी और आगई है ,
उसका इंतजाम भी करना पडेगा
और इसका हर्जाना ,
आम आदमी को भरना पडेगा

 घोटू

रविवार, 5 मई 2013

पति का बजन घटाने के नुस्खे

   

देश की सन्नारियों !
अपने पति की प्यारियों 
यदि आपके पति का बजन बढ़ रहा है 
और उन पर मोटापा चढ़ रहा है 
डॉक्टर को दिखाओगे ,मोटी  फीस लेगा 
ढेरों टेस्ट लिख देगा 
गोलियां और इंजेक्शन देगा 
और अंत में ये ही सलाह देगा 
इनके खाने पर पाबंदी लगाइये 
इनका बजन घटाइए 
और वो ही बात मै आपसे अभी कह रहा हूँ 
बजन कम करने के तरीके मुफ्त में बता दे रहा हूँ 
पहला तरीका आप ये अपनाइए 
खराब खाना पकाइये 
कभी नमक कम,कभी मिर्ची ज्यादा 
कभी चपाती टेडी मेडी बेल कर ,थोड़ी जलादों 
कभी दाल कच्ची रखो ,कभी चावल ज्यादा गला दो 
अचार मुरब्बे को डाइनिंग टेबल से दूर रखो ,
और ऐसा कुछ बनाए 
जो पतीजी  को कम भाये ,
और वो कम खाये 
और फिर उनको प्यार से बतलाएं कि ,
पंडितजी ने जन्मपत्री देख कर ,ये बात कही है 
कि आजकल हमारे ग्रह ठीक नहीं है 
शनी वक्री है और राहु का साया है 
निदान के के लिए हम दोनों को ,
शनिवार और मंगलवार का व्रत बतलाया है 
इस तरह धीरे धीरे ,प्यार से पति को पटाइये
कभी शनि का डर दिखा कर,
कभी खराब भोजन बना कर ,
कैसे भी उनका भोजन कम करवाइए 
और बीच बीच में उनकी तारीफ़ करते रहिये 
और बार बार ये कहिये 
आजकल आप थोड़े स्लिम होगए है ,
और स्मार्ट लगने लगे है 
पहले से ज्यादा जवान लगने लगे है 
फिर देखो ये नुस्खा गजब का काम करेगा 
आपके पति के मोटापे पर ,
रामबाण का काम करेगा 
पर अगर वो इस तरह प्यार से न पट पाये 
और आपसे छुप छुप कर होटल में खाएं 
तो दूसरा तरीका है ,उन्हें जलाइये 
अपने किसी पड़ोसी से दोस्ती बढाइये 
अपने पति के आगे,
 उसकी स्मार्टनेस की तारीफ़ करिए  
और पति के मन में थोड़ी इर्ष्या का भाव भरिये 
वो देखो पड़ोसी कितना सुन्दर सजीला है 
कसा कसा बदन जैसे सांचे में ढला है 
आपकी तरह नहीं थुलथुला है 
उनमे अह्सासे कमतरी का भाव जगाइये 
और आप पतिदेवता को थोडा चिढ़ाइये
वो थोड़ा जलेंगे ,थोडा कुढेंगे 
और खुद को फिट रखने की प्रेरणा लेंगे 
क्योंकि चिंता आदमी को जला देती है 
और ये जलन ,बजन घटा देती है 
बीच बीच में पति को प्यार का डोज देती रहिये 
आजकल आप स्मार्ट दीखते है,कहती रहिये 
जब से आप संतुलित पौष्टिक खाना खाने लगे है 
पड़ोसी से भी ज्यादा स्मार्ट नज़र आने लगे है 
बस थोडा सा बजन और कम हो जाए ,
तो मज़ा आ जाए गा 
मुझे यकीन है ,ये नुस्खा आपके जरूर काम आयेगा 
कोई भी नुस्खा अपनाएँ 
मेरी तरफ से आपको शुभ कामनाएं 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'  
   
   

मामा भांजा

       मामा भांजा
एक पुरानी कहावत के अनुसार
जमाई,भांजा और सुनार
ये कभी अपने नहीं होते ,
आप करके देख लीजिये व्यवहार 
द्वापर युग का था जब ज़माना
प्रसिद्ध हुए थे ,दो भांजे और दो मामा
पहले भांजे श्री कृष्ण और मामा कंस
भांजे ने किया था मामा का अंत
क्योंकि मामा अत्याचारी बड़ा था
उसे मारने भगवान को अवतार लेना पड़ा था 
दूसरे प्रसिद्ध मामा है मामा शकूनी
कुटिलता में उनकी बुद्धि थी दूनी
हित में अपने भांजे के
इतने उलटे फांसे फेंके
कि महाभारत युद्ध करवा दिया
खुद भी मरे और भांजे को भी मरवा दिया
और इस युग में भी रेल मिनिस्टर
मामा श्री पवन बंसल
के साथ ,कहते है भांजे ने किया छल
रेलवे प्रमोशन के नाम पर कर घोटाला
खुद भी फसे ,और मामा को भी फसा डाला
अब असलियत क्या है ,
ये तो मामा भांजे दोनों जानते है
पर इस हमाम में सब नंगे हैं,
हम तो इतना मानते है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

शनिवार, 4 मई 2013

खबर क्या होती है ?

खबर क्या होती है ?

खबर वो होती है जो सबसे अलग दिखाये
जिसमे कुछ नवीनता नज़र आये
 नेताजी ने कहीं रिबिन काटा
या नेताजी को कुत्ते ने काटा  
ये तो 'रूटीन' समाचार है ,
खबर तब बनती है जब रिबिन काटनेवाले ,
नेताजी कुत्ते को काट खाये
अब जैसे पुलिसवाले,
 रिश्वतखोरी के लिये बदनाम है 
बिना पैसा लिए करते नहीं कुछ काम है
आम आदमी परेशान है
शिकायत या ऍफ़ आई आर दर्ज करने में भी ,
पुलिसवाले रिश्वत लेते है
पर खबर तब बनती है जब,
एक बच्ची पर बलात्कार की शिकायत ,
दर्ज ना करवाने के लिए ,
थानेदार साहब ,लडकी के बाप को ,
दो हज़ार रुपयों की रिश्वत देते है 
नेताओं के अनर्गल प्रलाप ,
तो यूं ही अक्सर सुनते रहते है आप
पर खबर तब बनती है जब ,
सूखे तालाबों को भरने के लिए ,
नेताजी कहते है 'करो पेशाब'
मंत्री और नेताओं के,
 भ्रष्टाचार के किस्से रोज आ रहे है 
और शासनकर्ता ,एक दूसरे को बचा रहे है
एक केन्द्रीय मंत्री ने किसी,
 सामुदायिक विकास के कार्य में ,
लाखों रुपयों की हेराफेरी की ,
जब ये समाचार टी .वी .पर आता है
तो खबर तब बनती है ,
जब दूसरा केन्द्रीय मंत्री  उसे बचाता है 
कहता , है केंद्र का मंत्री और बस लाखों की हेराफेरी ,
यह अविश्वसनीय लगता है 
क्योंकि केंद्र का मंत्री तो ,
करोड़ों की हेराफेरी करता है
ऐसी हास्यप्रद,फूहड़ ख़बरें ,आपको गुदगुदायेगी
मन में पीड़ा भी होगी ,हंसी भी आयेगी
और भाई साहब ,खबर तो तब बनेगी ,
जब ऐसे भ्रष्ट लोगों की चोकड़ी की सरकार ,
फिर से सत्ता में आ जायेगी 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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