एक सन्देश-

यह ब्लॉग समर्पित है साहित्य की अनुपम विधा "पद्य" को |
पद्य रस की रचनाओ का इस ब्लॉग में स्वागत है | साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी |

सदस्यता को इच्छुक मित्र यहाँ संपर्क करें या फिर इस ब्लॉग में प्रकाशित करवाने हेतु मेल करें:-
kavyasansaar@gmail.com
pradip_kumar110@yahoo.com

इस ब्लॉग से जुड़े

शुक्रवार, 21 दिसंबर 2012

जूताचोर

              जूताचोर
यूरोप के चर्चों में देखा ,सब जूते पहने जाते है
तुर्की की मस्जिद में जूते ,संग थैली में ले जाते है
हम तो मंदिर के बाहर ही,है जूते खोल दिया करते
एसा लगता उन देशों में ,हैं जूते चोर बहुत बसते
              घोटू 

आत्मज्ञान

            आत्मज्ञान
फोन से अपना ही नंबर ,मिला कर देखो कभी
टोन       तुमको  सुनाई देगी सदा इंगेज   की 
दूसरों बात करने में तो सब ही  मस्त है
खुद से बातें करने की पर सभी लाईन व्यस्त है 
         घोटू

कर्म और धर्म

            कर्म और धर्म
लक्ष्मी पूजन कभी भी ,ना किया बिल गेट्स ने,
फिर भी वो संसार का सबसे धनी  इंसान है
सरस्वती पूजन किया ना,कभी आइन्स्टीन ने,
मगर उसके ज्ञान से ,उपकृत हुआ विज्ञान है 
 देख कर इनकी सफलता ,यही लगता मर्म है
धर्म अपनी जगह पर है,सबसे बढ़  कर कर्म है 
          घोटू 
 

बुधवार, 19 दिसंबर 2012

परिधान-पर दो ध्यान

          परिधान-पर दो ध्यान

आदमी का पहनावा ,आदमी के जीवन में,
                       काफी महत्त्व रखता है
कसी जींस या सूट पहन कर,आदमी जवान ,
                     और फुर्तीला दिखता  है  
ढीले ढाले से वस्त्र पहनने से ,ढीलापन और,
                   सुस्ती सी छा जाती है
जैसे नाईट सूट पहनने पर सोने को मन करता
                  और नींद सी आजाती है
,सजधज कर रहने वाले,न सिर्फ जवान दिखते  है,
                    ज्यादा दिन टिकते है
अच्छी तरह पेक किये गए सामान,कैसे भी हों,
                    पर मंहगे   बिकते है 
इसीलिये,लम्बा सुखी जीवन जीना है तो श्रीमान,
                  अपने परिधान पर दो ध्यान
सजेधजे रहोगे तभी खींच पाओगे सबका ध्यान ,
                   और पाओगे सन्मान
              घोटू

चाँद और अमावास

                  चाँद और अमावास
भोलाभाला ,शांत,शीतल,     और बन्दा नेक मै
करते सब बदनाम मुझको ,कि बड़ा दिलफेंक मै
पर बड़ा ही शर्मीला हूँ,और घबराता  बहुत,
बादलों में जाता हूँ छुप, हसीनो को देख मै
चमचमाती तारिकाओं से घिरा मै रात भर ,
सभी मेरा साथ चाहें,और बन्दा  एक  मै
अमावस को थके हारे ,चंद्रमा ने ये कहा ,
महीने भर में ,एक दिन का,चाहता हूँ ,ब्रेक मै

          घोटू 

हलचल अन्य ब्लोगों से 1-