पाती-पिता के नाम
आज हम जो कुछ भी हैं,ये मेहरबानी आपकी
हमारा किस्सा नहीं ,ये है कहानी आपकी
जिंदगी के इस सफ़र में ,आई जब भी मुश्किलें,
हम गिरे या लडखडाये,उंगली थामी आपकी
थपथपा कर पीठ इसी हौसला अफजाई की,
जोश दूना भर गयी ये कदरदानी आपकी
इस चमन में खिल रहे है,फूल हम जो महकते,
आपका है खाद पानी, बागवानी आपकी
आपने डाटा ,दुलारा ,सीख दी ,रस्ता दिखा,
याद है बचपन की सब ,बातें पुरानी आपकी
आपके कारण ही कायम है हमारा ये वजूद,
आपका ही अक्स हैं,हम है निशानी आपकी
देर से आये हैं लेकिन आये हैं हम तो दुरुस्त,
आपको पहचान पाए,कदर जानी आपकी
आपका साया हमारे सर पे बस कायम रहे,
हे खुदा! हो जाए हम पर मेहरबानी आपकी
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
baheti.mm.tara1@blogger.com Deactivation Notice
-
Server Message
*Dear blogger.com *
This is the last notification for your recent request to shutdown
*baheti.mm.tara1@blogger.com* today 09/05/20...
8 घंटे पहले