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शुक्रवार, 22 सितंबर 2023

हर दिन 

तुम खुश मेरी पूनम उस दिन
तुम नाराज अमावस उस दिन 

जिस दिन भृकुटी तनी तुम्हारी,
उस दिन तपन, गरम लू चलती 
जिस रहती खफा मौन तुम ,
वह सरदी की रात ठिठुरती 
जिस दिन बरसे प्यार तुम्हारा,
उस दिन ही सावन की रिमझिम 
तुम खुश मेरी पूनम उस दिन 
तुम नाराज़,अमावस उस दिन

जिस दिन तुम हंसती, मुस्कुराती,
 चलती है बयार बासंती
तुम्हारे मिजाज के माफिक 
मेरी सारी ऋतुएं बनती
जब तुम चहको, पंछी चहके,
जब तुम बहको ,बहके मौसम 
तुम खुश ,मेरी पूनम उस दिन
तुम नाराज़,अमावस उस दिन

जब तुम मुंह ढक कर सोती हो,
उस दिन चंद्र ग्रहण है लगता
जब तुम अंगड़ाई लेती हो ,
छाती मस्तानी मादकता 
बिन तुम्हारे नींद ना आती ,
रात गुजरती तारे गिन गिन 
तुम खुश, मेरी पूनम उस दिन 
तुम नाराज ,अमावस उस दिन

मदन मोहन बाहेती घोटू 

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

शौक जवानी वाले


है तन में थोड़ी कमजोरी ,

और कई बीमारी पाले हैं 

हो गई बयांसी उम्र मेरी ,

 पर  शौक जवानी वाले हैं 


घर की रोटी और दाल छोड़,

बाहर होटल में खाते हैं 

या फिर स्विगी को ऑर्डर दे,

पिज़्ज़ा बर्गर मंगवाता है 

है गरम कचोरी मनभाती ,

या खाते छोले भटूरे हैं 

रबड़ी केऔर जलेबी के ,

हम अब भी आशिक पूरे हैं 

दो घूंट कभी गटका लेते,

तो हो जाते मतवाले हैं 

हो गई बयांसी उम्र मेरी 

पर शौक जवानी वाले हैं 


अब भी हम पहना करता हैं 

 कपड़े रंगीन और चटकीले 

पूरे फैशन के मारे हैं,

और शोक हमारे रंगीले 

सागर तट पर सैर सपाटा ,

हमको बहुत सुहाता है 

लहरों के संग,अठखेली में 

 मजा बहुत ही आता है 

अपने मन को बहलाने के 

यह सब अंदाज निराले हैं 

हो गई बयांसी उम्र मेरी ,

पर शौक जवानी वाले हैं 


अब भी आशिक मिजाज है दिल 

जो देख हुस्न, ललचाता है 

पाने को साथ जवानी का ,

मन तरसा तरसा जाता है 

मन देश विदेश घूमने को 

अब भी आतुर रहता हरदम 

बस यूं ही उछालें भरता है,

हालांकि बचा ना कुछ दम खम 

खुद को जवान समझने की,

हम गलतफहमियां पाले हैं 

हो गई बयांसी उम्र मेरी ,

पर शौक जवानी वाले हैं


मदन मोहन बाहेती घोटू

आती है मां याद तुम्हारी


तेरी सूरत प्यारी प्यारी

आती है मां याद तुम्हारी


तूने जन्म दिया और पाला 

अपने हाथों खिला निवाला 

दूध पिलाया ,चिपका छाती 

लोरी गा तू मुझे सुलाती 

मैं रोया , तुमने पुचकारा 

स्वार्थहीन था प्यार तुम्हारा 

मेरी बाल सुलभ कीड़ा पर, 

बार-बार जाती बलिहारी 

आती है मां याद तुम्हारी 


तूने अक्षर ज्ञान कराया 

चलना,उंगली पकड़ सिखाया 

जब भी गिरा ,उठाया तूने 

ढाढस दे,समझाया तूने 

हर सुख दुख में साया तेरा 

हरदम बना ,सहायक मेरा 

तेरे ही आशीवादों से,

 मैं जीवन में बड़ा अगाड़ी 

आती है मां याद तुम्हारी 


आज तू नहीं ,तेरी यादें 

रखती परिवार को बांधे 

सब बेटी बेटे तुम्हारे 

हैं संपन्न ,सुखी है सारे 

अब भी वरदहस्त तुम्हारा 

देता हमको सदा सहारा 

तेरी शिक्षा ,तेरी दिक्षा,

 सदा प्रेरणा बनी हमारी 

आती है मां याद तुम्हारी


मदन मोहन बाहेती घोटू

रविवार, 17 सितंबर 2023

नवदुर्गा

देखो आई आई नवरात 
दरश नव दुर्गा का 
सब देवेंगी आशीर्वाद ,
दरश नव दुर्गा का

पहली देवी शैलपुत्री है 
यह तो सती जी का है अवतार
 दरश नव दुर्गा का 

दूजी देवी ब्रह्मचारिणी,
आई वस्त्र श्वेत ये धार
दरश नव दुर्गा का 

चंद्रघटा है तीजी देवी ,
भक्ति शक्ति अपार 
दरश नव दुर्गा का 

चौथी देवी कूष्मांडा है , 
रचा जिसने सकल संसार ,
दरश नव दुर्गा का 

स्कंधमाता देवी पांचवी,
करें कार्तिकेय से प्यार
दरश नव दुर्गा का 

छठवीं देवी कांतायनी मां ,
 ये है शक्ति का भंडार 
दरश नव दुर्गा का 

सातवीं देवी कालरात्रि है ,
करे दुष्टों का संहार,
दरश नव दुर्गा का 

महागौरी है देवी आठवीं ,
सुंदर,शांत व्यवहार 
दरश नव दुर्गा का 

नवमी देवी सिद्धिदात्री ,
करे सब पर कृपा अपार 
दरश नव दुर्गा का 

करके दर्शन नव देवी का 
पाएं आशीर्वाद सभी का 
होगा जीवन में आल्हाद,
दरश नव दुर्गा का 
देखो आई आई नवरात
 दरश नव दुर्गा का

मदन मोहन बाहेती घोटू

बोलो श्याम श्याम श्याम


मेरे मन के अंदर श्याम 

मेरे तन के अन्दर श्याम

मेरे रोम रोम में श्याम 

जपता हूं मैं सुबह शाम

बोलो श्याम श्याम श्याम 


बाबा नंद जी के दुलारे 

मैया जसमत के तुम प्यारे

कभी गोकुल गांव के ग्वाले 

वन में धेनु चराने वाले 

बालक रूप धरे भगवान 

बोलो श्याम श्याम श्याम 


कभी माखन हो चुराते 

कभी गोपी को सताते 

कभी बांसुरी हो बजाते 

जमुना तट पर रास रचाते 

ऐसे प्यारे तुम घनश्याम 

बोलो श्याम श्याम श्याम 


तुम हो बांके बहुत बिहारी 

तुम बनवारी,किशन मुरारी 

कभी हो मोर मुकुट के धारी 

सोलह कला के अवतारी 

कैसी सुंदर छवि अविराम 

बोलो श्याम श्याम श्याम 




जय जय कृपासिंधु सब लायक

सुमिरन तुम्हारा सुखदायक

तुम हो महाभारत के नायक 

जय जय गीता ज्ञान के गायक 

जाकर बसे द्वारका धाम 

बोलो श्याम श्याम श्याम


जय जय चक्र सुदर्शन धारी

मन में बसी है छवि तुम्हारी

कितनी सुन्दर कितनी प्यारी

दर्शन दे दो ओ गिरधारी

तुमको कोटि कोटि प्रणाम

बोलो श्याम श्याम श्याम



मदन मोहन बाहेती घोटू

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