हाल-चाल
घट गई तोंद,मोटापा कम है
फिर भैया काहे का गम है
तन में जो आई कमजोरी
घट जाएगी थोड़ी थोड़ी
शनै शनै सुधरेगी सेहत
चेहरे पर आएगी रौनक
अगर आप परहेज रखेंगे
प्राणायाम और योग करेंगे
फिर से होगी काया कंचन
और प्रफुल्लित होगा तन मन
तुम्हें लगेगा तुममें दम है
फिर भैया काहे का गम है
भूख बढ़ेगी जमकर खाना
होगा जीवन सफर सुहाना
और फिर पूरे परिवार संग
दीप दिवाली, होली के रंग
हर दिन ही त्योहार मनेंगे
और खुशियों के फूल खिलेंगे
पाओगे नवजीवन प्यारा
होगा कायाकल्प तुम्हारा
मस्ती भरा हर एक मौसम है
तो भैया काहे का गम है
मदन मोहन बाहेती घोटू