पृष्ठ
एक सन्देश-
pradip_kumar110@yahoo.com
इस ब्लॉग से जुड़े
गुरुवार, 5 अप्रैल 2018
रविवार, 1 अप्रैल 2018
Hello Dear
PLEASE REPLY ME THROUGH MY PRIVATE EMAIL ADDRESS (miss.dianakipkalya@mail.com)
I am writing this mail to you with tears and sorrow from my heart. With due respect trust and humanity, I appeal to you to exercise a little patience and read through my letter, I wish to contact you personally for a long term business relationship and investment assistance in your Country so I feel quite safe dealing with you in this important business having gone through your remarkable profile, honestly I am writing this email to you with pains, tears and sorrow from my heart, I will really like to have a good relationship with you and I have a special reason why I decided to contact you, I decided to contact you due to the urgency of my situation, My name is Miss Diana Kipkalya Kones, 23yrs old female and I held from Kenya in East Africa. My father was the former Kenyan road Minister. He and Assistant Minister of Home Affairs Lorna Laboso had been on board the Cessna 210, which was headed to Kericho and crashed in a remote area called Kajong, in western Kenya. The plane crashed on the Tuesday 10th, June, 2008.You can read more about the crash through the below site:http://edition.cnn.com/2008/WORLD/africa/06/10/kenya.crash/index.html
After the burial of my father, my stepmother and uncle conspired and sold my father's property to an Italian Expert rate which the shared the money among themselves and live nothing for me. I am constrained to contact you because of the abuse I am receiving from my wicked stepmother and uncle. They planned to take away all my late father's treasury and properties from me since the unexpected death of my beloved Father. Meanwhile I wanted to escape to the USA but they hide away my international passport and other valuable traveling documents. Luckily they did not discover where I kept my fathers File which contains important documents. So I decided to run to the refugee camp where I am presently seeking asylum under the United Nations High Commission for the Refugee here in Ouagadougou, Republic of Burkina Faso.
One faithful morning, I opened my father's briefcase and found out the documents which he has deposited huge amount of money in one bank in Burkina Faso with my name as the next of kin. I traveled to Burkina Faso to withdraw the money for a better life so that I can take care of myself and start a new life, on my arrival, the Bank Director whom I met in person told me that my father's instruction/will to the bank is that the money would only be release to me when I am married or present a trustee who will help me and invest the money overseas. I am in search of an honest and reliable person who will help me and stand as my trustee so that I will present him to the Bank for transfer of the money to his bank account overseas. I have chosen to contact you after my prayers and I believe that you will not betray my trust. But rather take me as your own sister or daughter.
Although, you may wonder why I am so soon revealing myself to you without knowing you, well I will say that my mind convinced me that you may be the true person to help me. More so my father of blessed memory deposited the sum of (US$11.500, 000) Dollars in Bank with my name as the next of kin. However, I shall forward you with the necessary documents on confirmation of your acceptance to assist me for the transfer and statement of the fund in your country. As you will help me in an investment, and I will like to complete my studies, as I was in my 1year in the university when my beloved father died. It is my intention to compensate you with 30% of the total money for your services and the balance shall be my capital in your establishment. As soon as I receive your positive response showing your interest I will put things into action immediately. In the light of the above, I shall appreciate an urgent message indicating your ability and willingness to
handle this transaction sincerely.
AWAITING YOUR URGENT AND POSITIVE RESPONSE, Please do keep this only to your self for now until the bank will transfer the fund. I plead to you not to disclose it till I come over because I am afraid of my wicked stepmother who has threatened to kill me and have the money alone, I thank God Today that am out from my country (KENYA) but now In (Burkina Faso) where my father deposited these money with my name as the next of Kin. I have the documents for the claims.
Yours Sincerely
Miss Diana Kipkalya Kones
PLEASE REPLY ME THROUGH MY PRIVATE EMAIL ADDRESS (miss.dianakipkalya@mail.com)
हलचल अन्य ब्लोगों से 1-
-
1440 - *1-दूर –कहीं दूर/ शशि पाधा* *अँधेरे में टटोलती हूँ* *बाट जोहती आँखें* *मुट्ठी में दबाए* *शगुन के रुपये* *सिर पर धरे हाथों का* *कोमल अहसास* *सुबह ...13 घंटे पहले
-
पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र 15,16,17 का सार - पतंजलि कैवल्य पाद सूत्र : 15 , 16 ,17 महर्षि पतंजलि अपनें कैवल्य पाद सूत्र - 15 में कह रहे हैं , “ एक वस्तु चित्त भेद के कारण अलग - अलग दिखती है ” । अब ...20 घंटे पहले
-
782. ज़िन्दगी - *ज़िन्दगी* 1. ज़िन्दगी चली बिना सोचे-समझे किधर मुड़े? कौन बताए दिशा मंज़िल मिले जहाँ। 2. मालूम नहीं मिलती क्यों ज़िन्दगी बेइख़्तियार, डोर जिसने थामे उड़ने ...1 दिन पहले
-
कोई - कोई कोई निकट ही नहीं बहुत निकट है पल-पल देख रहा हैदेह की हर शिरा का स्पंदन प्राणों का आलोड़न मन का सहज आनंद झट ‘तथास्तु’ कह कर मुस्का देता है और वही देख चु...2 दिन पहले
-
स्मृतियों की झालर - स्मृतियों की झालर पूरे चांद की आधी रात में एक मधुर कविता पूरे मन से बने हमारे अधूरे रिश्ते के नाम लिख रही हूं चांद के चमकीले उजास में सर्दीली रात में तु...3 दिन पहले
-
किताब मिली --शुक्रिया - 21 - जो तू नहीं तो ये वहम-ओ-गुमान किसका है ये सोते जागते दिन रात ध्यान किसका है कहां खुली है किसी पे ये वुसअत-ए -सहारा सितारे किसके हैं ये आसमान किसका है वुस...3 दिन पहले
-
क्या अमेरिकन समाज स्त्रीविरोधी है? : (डॉ.) कविता वाचक्नवी - क्या अमेरिकन समाज स्त्रीविरोधी है? : (डॉ.) कविता वाचक्नवी अमेरिका के चुनाव परिणाम की मेरी भविष्यवाणी पुनः सत्य हुई। लोग मुझे पूछते और बहुधा हँसते भी हैं क...2 हफ़्ते पहले
-
RTI कार्यकर्ताओं पर शिकंजा कसने के बजाय जानकारी को सहजता से उपलब्ध कराने और जनता को सशक्त बनाने की अपनी मूल जिम्मेदारी निभाए राज्य सूचना आयोग - *RTI कार्यकर्ताओं पर शिकंजा कसने के बजाय जानकारी को सहजता से उपलब्ध कराने और जनता को सशक्त बनाने की अपनी मूल जिम्मेदारी निभाए राज्य सूचना आयोग* 📌 *RTI क...3 हफ़्ते पहले
-
दीप जलता रहे - हमारे चारों ओर केइस घने अंधेरे में समय थोड़ा ही हो भले उजेला होने में विश्वास आत्म का आत्म पर यूं ही बना रहेसाकार हर स्वप्न सदा होता रहेअपने हर सरल - कठिन र...3 हफ़्ते पहले
-
अवनीश चौहान को मिलेगा कादम्बरी सम्मान - ------------------------------ *पुरस्कृत कृति : *'एक अकेला पहिया' (नवगीत-संग्रह), कवि : अवनीश सिंह चौहान, प्रकाशक: प्रकाश बुक डिपो, बरेली, उ.प्र. (फोन: 0...4 हफ़्ते पहले
-
प्लैजर मैरिज- मुस्लिम समुदाय - विश्व में सबसे ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में वर्तमान में निकाह का एक ढंग ट्रेडिंग हो रहा है , जिसमें गरीबी का जीवन गुजार रही म...5 हफ़्ते पहले
-
लीज एंड लाइसेंस से सुरक्षित रहेगा घर - आज तक मकान मालिक घर किराये पर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट बनवाते आ रहे हैं जिसमें घर को किराएदारी पर देने का 11 महीने का अनुबन्ध रहता है. घर के कब्ज...5 हफ़्ते पहले
-
-
शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (२६) - * बेशक कोई रिश्ता हमें जन्म से मिलता है परंतु उस रिश्ते से जुड़ाव हमारे मनोभाव पर निर्भर करता है । जन्म मर...1 माह पहले
-
A visit to Frankfurt - *अभी मैं तुम्हारे शहर से गई नहीं हूँ * *अभी तो मैं बाक़ी हूँ उन अहसासों में * *अभी तो सुनाई देती है मुझे गोयथे यूनिवर्सिटेट और तुम्हारे घर के बीच की सड़क ...1 माह पहले
-
अनजान हमसफर - इंदौर से खरगोन अब तो आदत सी हो गई है आने जाने की। बस जो अच्छा नहीं लगता वह है जाने की तैयारी करना। सब्जी फल दूध खत्म करो या साथ लेकर जाओ। गैस खिड़कियाँ ...1 माह पहले
-
डमरू घनाक्षरी - डमरू घनाक्षरी - शृंगार रस वर्णिक छंद- 8, 8, 8, 8 की एक पंक्ति हर अठकल अमात्रिक - त्रिकल त्रिकल द्विकल से चार समतुकांत पंक्तियाँ अनत जगत यह, सरल सहज व...2 माह पहले
-
अब चक्र सुदर्शन उठाओ ना। - बहुत सुना दी मुरली धुन मीठी , अब चक्र सुदर्शन उठाओ ना। मोहित-मोहक रूप दिखा कर, मोह चुके मनमोहन मन को, अधर्म मिटाने इस धरती से , धर्म सनातन की रक्षा हित, ...2 माह पहले
-
पुरानी तस्वीर... - कल से लगातार बारिश की झड़ी लगी है। कभी सावन के गाने याद आ रहे तो कभी बचपन की बरसात का एहसास हो रहा है। तब सावन - भादो ऐसे ही भीगा और मन खिला रहता था। ...2 माह पहले
-
संवाद - एकांत में संवाद ************* उदास काले फूलों वाली रात उतरी पहाड़ो की देह पर जैसी सरकती हैं जमी पर असंख्य लाल चीटियां झूठी हँसी लिए स्नोड्राप बह रहे हैं एक ब...2 माह पहले
-
बीज - मंत्र . - शब्द बीज हैं! बिखर जाते हैं, जिस माटी में , उगा देते हैं कुछ न कुछ. संवेदित, ऊष्मोर्जित रस पगा बीज कुलबुलाता फूट पड़ता , रचता नई सृष्टि के अंकन...2 माह पहले
-
बीत गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी - - * बीत गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी .पूरा हो गया व्रत!- भक्तों ने खाते-पीते नाचते-गाते,आधी रात तक जागरण कर लिया जन्म करा दिया, प्रसाद चढ़ा दिया खा-खिला दिया,...2 माह पहले
-
-
अज़रबैजान यात्रा (भाग 11) - *अज़रबैजान यात्रा (भाग 11) - **निजामी स्ट्रीट और हैदर अलिएव सेंटर और भारत वापसी* *अज़रबैजानी चाय के कप प्लेट * दोपहर के भोजन के उपरांत हम लोग दो जगह ज...4 माह पहले
-
हरियाली खुशहाली है... संध्या शर्मा - बच्चों आओ मैं हूँ पेड़ मुझे लगाओ करो ना देर जब तुम मुझे उगाओगे धरती सुखी बनाओगे दुनिया मेरी निराली है हरियाली खुशहाली है रोको मुझपर होते प्रहार मै...5 माह पहले
-
मैं जीवन हूँ - न मैं सुख हूँ न दुख न राग न द्वेष मैं जीवन हूँ बहता पानी तुम मिलाते हो इसमें जाने कितने केमिकल्स अपने स्वार्थों के भरते हो इसमें कभी धूसर रंग कभी लाल तो ...5 माह पहले
-
गुमशुदा ज़िन्दगी - ज़िन्दगी कुछ तो बता अपना पता ..... एक ही तो मंज़िल है सारे जीवों की और वो हो जाती है प्राप्त जब वरण कर लेते हैं मृत्यु को , क्यों कि असल मंज़िल म...6 माह पहले
-
एक अनूठी फ़िल्म- 'नज़र अंदाज़'. - 37° C, तापमान से बचने के लिये,, कमरे के परदे खींचे, A.C. चलाया और ओटीटी प्लेटफार्म पर कोई फ़िल्म खोजने लगे. इत्तेफ़ाक़ से एक फ़िल्म का ट्रेलर चलने लगा, और...7 माह पहले
-
-
हाथी तो हाथी होता है - हाथी तो हाथी होता है । जंगल का साथी होता है । हरदम उसकी मटरगशतियां, कभी खेत में, कभी बस्तियां; कभी नदी के बैठ किनारे, देखा करता है वो कश्तियां । कभी हि...8 माह पहले
-
'साहित्य' अलग है, 'भाषा' अलग है - भाषा में होता है ज्ञानऔर...अपना ज्ञान भी होता है भाषा काछोटे शब्दों में कहिए तोभाषा यानिज्ञान भीन मौन हैभाषाऔर न हीज्ञान मौन हैएक पहचान हैभाषा...जो अपने आ...8 माह पहले
-
-
जो मेरे अन्दर से गुजरता है - जाने कौन है वो जो मेरे अन्दर से गुजरता है थरथरायी नब्ज़ सा खामोश रहता है मैं उसे पकड़ नहीं सकती छू नहीं सकती एक आखेटक सा शिकार मेरा करता है जाने क...9 माह पहले
-
ओ साथी मेरे - मुझसे रुकने को कह चल पड़ा अकेले सितारों की दुनिया में जा छिपा कहीं ... वादा किया था उससे -कहा मानूंगी राह तक रही हूँ ,अब तक खड़ी वहीं... वो अब हमेशा के लिए म...9 माह पहले
-
रामलला का करते वंदन - कौशल्या दशरथ के नंदन आये अपने घर आँगन, हर्षित है मन पुलकित है तन रामलला का करते वंदन. सौगंध राम की खाई थी उसको पूरा होना था, बच्चा बच्चा थ...9 माह पहले
-
कल्पना - आज मैं जो कुछ भी लिखने जा रही हूँ वह एक ऐसी घटना है जिसे यदि आप जीना चाहते हैं तो अपनी कल्पना शक्ति को बढ़ाईये. जितना ज्यादा आप अपनी कल्पना के घोड़े दौड़ाए...10 माह पहले
-
इस सप्ताह में ही भूकम्प के कई झटकों के साथ साथ एक बड़े भूकम्प के आने की आशंका है !! - Bhukamp kab aayega इस सप्ताह में ही भूकम्प के कई झटकों के साथ साथ एक बड़े भूकम्प के आने की आशंका है !! 21वीं सदी के शुरू होते ही इंटरनेट पर हिंदी ...1 वर्ष पहले
-
डॉल्बी विजन देखा क्या? - इससे पहले, अपने पिछले आलेख में मैंने आपसे पूछा था – डॉल्बी एटमॉस सुना क्या? यदि आपने नहीं सुना, तो जरूर सुनें. अब इससे आगे की बात – डॉल्बी विजन देखा क...1 वर्ष पहले
-
चन्द्रशेखर आज़ाद - चंद्रशेखर "आज़ाद" ************** उदयाचल से अस्तातल तक इसकी जय जयकार रही, शिक्षा और ज्ञान की इस पर बहती सतत बयार रही, वैभव में दुनियाँ का कोई देश न इसका सानी...1 वर्ष पहले
-
-
क्यों बदलूं मैं तेवर अपने मौसम या दस्तूर नहीं हूँ - ग़ज़ल मंज़िल से अब दूर नहीं हूँ थोड़ा भी मग़रूर नहीं हूँ गिर जाऊँ समझौते कर लूँ इतना भी मजबूर नहीं हूँ दूर हुआ तू मुझसे फिर भी तेरे ग़म से चू...1 वर्ष पहले
-
Measuring Astronomical distances in Space - क्या आप जानते हैं कि दूरी कैसे मापी जाती है? बिल्कुल!!! हम सब जानते हैं, है ना?मान लीजिए कि मैं एक नोटबुक को मापना चाहती हूं, मैं एक पैमाना/रूलर लूंगी, एक ...1 वर्ष पहले
-
भकूट - कूट-कूट कर भरा हुआ प्रेम.. - सबको भकूट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। आप सब भी हैरान हो रहे होंगे कि आज तो वैलेंटाइन डे है, हैप्पी वैलेंटाइन डे बोलना होता है, यह भकूट दिवस क्या और कैसा। त...1 वर्ष पहले
-
ज़िन्दगी पुरशबाब होती है - क्या कहूँ क्या जनाब होती है जब भी वो मह्वेख़्वाब होती है शाम सुह्बत में उसकी जैसी भी हो वो मगर लाजवाब होती है उम्र की बात करने वालों सुनो ज़िन्दगी पुरशबाब ह...2 वर्ष पहले
-
Boond - Samay ki dhara bahati hai Nirantar abadhit. Main to usability ek choosing boond Jo ho jayegi jalashay men samarpit. Ya dhara me awashoshit. N...2 वर्ष पहले
-
जाले: घोड़ा उड़ सकता है - जाले: घोड़ा उड़ सकता है: घोड़ा उड़ सकता है. पिछली शताब्दी के दूसरे दशक में जब मुम्बई-दिल्ली रेल लाइन की सर्वे हो रही थी तो एक अंग्रेज इंजीनियर ने कोटा व सवाई...2 वर्ष पहले
-
नाच नचावे मुरली - क्या-क्या नाच नचावे मुरली, जहां कहीं बज जावे मुरली। मीठी तान सुनावे मुरली, हर मन को हर्षावे मुरली , जिसने भी सुनली ये तान, नहीं रहे उसमें अभिमान। मुरली तेर...2 वर्ष पहले
-
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी - *संविदा कर्मियों का दर्द* *@**गरिमा लखनवी* *--* *कोई क्यों नहीं समझता* *दर्द हमारा* *हम भी इंसान हैं* *योगदान भी है हमारा* *--* *सरकारी हो या निजी* * कैसा भ...2 वर्ष पहले
-
-
Tara Tarini Maha Shaktipeeth. - *Tara Tarini Maha Shaktipeeth* *गंजम जिले में पुरुषोत्तमपुर के पास रुशिकुल्या नदी के तट पर कुमारी पहाड़ियों पर तारा-तारिणी ओडिशा के सबसे प्राचीन शक्तिपीठों...2 वर्ष पहले
-
मशहूर कथाएं : काव्यानुवाद - *दो बैलों की कथा :मुंशी प्रेमचंद)* (1) बछिया के ताऊ कहो, कहो गधा या बैल। हीरा मोती मे मगर, नहीं जरा भी मैल। नही जरा भी मैल, दोस्ती बैहद पक्की। मालिक झूरी म...2 वर्ष पहले
-
अनूठा रहस्य प्रकृति का... - रात भर जागकर हरसिंगार वृक्ष उसकी सख्त डालियों से लगे नरम नाजुक पुष्पों की करता रखवाली कि नरम नाजुक से पुष्प सहला देते सख्त वृक्ष के भीतर सुकोमल...3 वर्ष पहले
-
उद्विग्नता - जीवन की उष्णता अभी ठहरी है , उद्विग्न है मन लेकिन आशा भी नहीं कर पा रही इस मौन के वृत्त में प्रवेश बस एक उच्छवास ले ताकते हैं बीता कल , निर्निमे...3 वर्ष पहले
-
क्षणिका - हां सच है देहरी पार की मैंने वर्जनाओं की रुढ़िवाद की पाखंड की कुंठा की .... ओह सभ्य समाज ....! तुम्हारी ओर से सिर्फ घृणा .? कहो इतने नाजुक कब से हो लि...3 वर्ष पहले
-
महिला दिवस - विशेष - मैंने माँ से पहचाना एक स्त्री होना कितना दुसाध्य है कोई देवता हो जाने से पहचाना अपनी बहिनों से कैसे वो जोड़े रखती हैं एक घर को दूसरे से सीख पाया अपनी बेटियो...3 वर्ष पहले
-
चुप गली और घुप खिडकी - एक गली थी चुप-चुप सी इक खिड़की थी घुप्पी-घुप्पी इक रोज़ गली को रोक ज़रा घुप खिड़की से आवाज़ उठी चलती-चलती थम सी गयी वो दूर तलक वो देर तलक पग-पग घायल डग भर प...3 वर्ष पहले
-
गलती से डिलीट हो गए मेरे पुराने पोस्टों की पुनर्प्राप्ति : इंटरनेट आर्काइव के सौजन्य से - दो वर्ष पहले ब्लॉग का टेम्पलेट बदलने की की कोशिश रहा था। सहसा पाया कि कुछ पोस्ट गए। क्या हुआ था, पूरा समझ में नहीं आया। बाद में ब्लॉगर वालों को भ...3 वर्ष पहले
-
Pooja (laghukatha) - पूजा " सुनिये ! ", पत्नी ने पति से कहा " जी कहिये", पति ने पत्नी की तरह जवाब दिया तो पत्नी चिढ़ गयी. पति को समझ आ गया और पत्नि से पूछा कि क्या बात है...3 वर्ष पहले
-
अलसाई शाम तले - यूँ ही एल अलसाई शाम तले बैठें थे कभी दो चार जब पल मिले मदहोश शाम ढल गयी यूँ ही आलस में तकदीर में जाने कब हों फिर ये सिलसिले ..4 वर्ष पहले
-
-
लाॅकडाउन 2 - मोदी जी....सुनो:- धीरे धीरे ही सही बीते इक्किस वार सोम गया मंगल गया कब बीता बुधवार कब बीता बुधवार हो गया अजब अचंभा लगता है इतवार हो गया ज्यादा लंबा दाढ़ी भी ...4 वर्ष पहले
-
-
Gatyatmak Jyotish app - विज्ञानियों को ज्योतिष नहीं चाहिए, ज्योतिषियों को विज्ञान नहीं चाहिए।दोनो गुटों के झगडें में फंसा है गत्यात्मक ज्योतिष, जिसे दोनो गुटों के मध्य सेतु ...4 वर्ष पहले
-
2019 का वार्षिक अवलोकन (अट्ठाईसवां) - खत्म होनेवाला है हमारा इस साल का सफ़र। 2020 अपनी गुनगुनी,कुनकुनी आहटों के साथ खड़ा है दो दिन के अंतराल पर। चलिए इस वर्ष को विदा देते हुए कुछ बातें कहती...4 वर्ष पहले
-
-
इंतज़ार और दूध -जलेबी... - वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर कि ब...5 वर्ष पहले
-
गुड्डू आओ ... गोलगप्पे खाएँ .... - गुड्डू आओ ... चलें .. गोलगप्पे खाएँ कुछ खट्टे-मीठे .. तो कुछ चटपटे-चटपटे खाएँ चलो .. चलें ... अपने उसी ठेले पे .. स्कूल के पास ... आज .. जी भर के ... मन भ...5 वर्ष पहले
-
cara mengobati herpes di kelamin - *cara mengobati herpes di kelamin* - Penyakit herpes genital baik pada pria maupun pada wanita kerap menjadi permasalahan tersendiri, karena resiko yang le...5 वर्ष पहले
-
-
आइने की फितरत से नफरत करके क्या होगा - आईने की फितरत से नफरत करके क्या होगा किरदार गर नहीं बदलोगे किस्सा कैसे नया होगा हर बार आईना देखोगे धब्बा वही लगा होगा आईने लाख बदलो सच बदल नहीं सकते ज...6 वर्ष पहले
-
शर्मसार होती इंसानियत.. - *इंसानियत का गिरता ग्राफ ...* आज का दिन वाकई एक काले दिन के रूप में याद किया जाना था. सबेरे जब समाचार पत्रों में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस समाचा...6 वर्ष पहले
-
कूड़ाघर - गैया जातीं कूड़ाघर रोटी खातीं हैं घर-घर बीच रास्ते सुस्तातीं नहीं किसी की रहे खबर। यही हाल है नगर-नगर कुत्तों की भी यही डगर बोरा लादे कुछ बच्चे बू का जिनपर...6 वर्ष पहले
-
एक अधूरी [ पूर्ण ] कविता - घर परिवार अब कहाँ रह गए है , अब तो बस मकान और लोग बचे रहे है बाकी रिश्ते नाते अब कहाँ रह गए है अब तो सिर्फ \बस सिर्फ नाम बचे है बाकी तीज त्योहार कहाँ ...7 वर्ष पहले
-
लिखते रहना ज़रूरी है ! - पिछले कई महीनों में जीवन के ना जाने कितने समीकरण बदल गए हैं - मेरा पता, पहचान, सम्बन्ध, समबन्धी, शौक, आदतें, पसंद-नापसंद और मैं खुद | बहुत कुछ नया है लेकिन...7 वर्ष पहले
-
इन आँखों में बारिश कौन भरता है .. - बेतरतीब मैं (३१.८.१७ ) ` कुछ पंक्तियाँ उधार है मौसम की मुझपर , इस बरस पहले तो बरखा बरसी नहीं ,अब बरसी है तो बरस रही ,शायद ये पहली बारिशों का मौसम...7 वर्ष पहले
-
सवाल : हम आपदाओं में फेल क्यों? जवाब में यह हकीकत पढि़ए - राजस्थान के एक हिस्से में बाढ़ का कहर है और लोग आपदा से घिरे हैं। प्रशासनिक अमला इतना असहाय नजर आ रहा है। आपदाएं हमेशा आती है और सरकारी तंत्र लाचार नजर आ...7 वर्ष पहले
-
ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...3 - पाठक हमारे ब्लॉग पर हमारे लेखन को पढने के लिए आता है, न कि साज सज्जा देखने के लिए. लेखन और प्रस्तुतीकरण अगर बेहतर होगा तो यकीनन हमारा ब्लॉग सबके लिए लाभदा...7 वर्ष पहले
-
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो - *गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो * लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भ...7 वर्ष पहले
-
जिन्द्गी - जिन्दगी कल खो दिया आज के लिए आज खो दिया कल के लिए कभी जी ना सके हम आज के लिए बीत रही है जिन्दगी कल आज और कल के लिए. दोस्तों आज मेरा जन्म दिन भ...7 वर्ष पहले
-
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे - *हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगेहाँ ! चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे* जो रात होगी तो जमी से चाँदी बटोर लेंगे चाँदी की फिर पायल बना लम्हों ...7 वर्ष पहले
-
-
Demonetization and Mobile Banking - *स्मार्टफोन के बिना भी मोबाईल बैंकिंग संभव...* प्रधानमंत्री मोदीजी ने अपनी मन की बात में युवाओं से आग्रह किया है कि हमें कैशलेस सोसायटी की तरफ बढ़ना है औ...7 वर्ष पहले
-
गीत अंतरात्मा के: आशा - गीत अंतरात्मा के: आशा: मैं एक आशा हूँ मेरे टूट जाने का तो सवाल ही नहीं होता मैं बनी रहती हूँ हर एक मन में ताकि हर मन जीवित रह सके मुझे खुद को बचाए ही र...8 वर्ष पहले
-
'जंगल की सैर ' - मेरी पुरुस्कृत बाल कहानी 'जंगल की सैर ' मातृभारती पर। पढ़े और अपनी राय दें http:matrubharti.com/book/5492/8 वर्ष पहले
-
-
पानी की बूँदें - पानी की बूँदे भी, मशहूर हो गई । कल तक जो यूँही, बहती थी बेमतलब, महत्वहीन सी यहाँ वहाँ, फेंकी थी जाती, समझते थे सब जिसके, मामूली सी ही बूँदें, आज वो पहुँच स...8 वर्ष पहले
-
खोया बच्चा..... - आज एक हास्य कविता एक बच्चा रो रहा था , मेले में अनाउंसमेंट हो रहा था , जल्दी आएं जिन का बच्चा हो ले जाएँ | तभी सौ से ज्यादा लोग वहां आते है जल्दी से बच...8 वर्ष पहले
-
-
-
स्वागतम् - मित्रों, सभी को अभिवादन !! बहुत दिनों के बाद कोई पोस्ट लिख रहा हूँ | इतने दिनों ब्लॉगिंग से बिलकुल दूर ही रहा | बहुत से मित्रों ने इस बीच कई ब्लॉग के लि...8 वर्ष पहले
-
बीमा सुरक्षा और सुनिश्चित धन वापसी - कविता - अविनाश वाचस्पति - ##AssuredIncomePlanPolicy निश्चित धन वापसी और बीमा सुविधा संदेह नहीं यह पक्का बनाती है विश्वास विश्वास में ही मौजूद रहती है यह आस धन भी मिलेगा और निडर ...8 वर्ष पहले
-
विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग - *विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग* हममें से अधिकांश लोगों को टंकण करना काफी श्रमसाध्य एवं उबाऊ कार्य लगता है और हम सभी यह सेाचते हैं कि व्यक...8 वर्ष पहले
-
Happy Teacher's Day - “गुरु का हाथ” - *पिसते… घिसते… तराशे जाते…* *गिरते… छिलते… लताडे जाते…* *मांगते… चाहते… ठुकराए जाते…* *गुजर जाते हैं चौबीस या इससे ज्यादा साल…* *लगे बचपन से… बहुत लोग फरिश...9 वर्ष पहले
-
-
-
-
हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग - वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...9 वर्ष पहले
-
ज़िन्दगी का गणित - कोण नज़रों का मेरे सदा सम रहा न्यून तो किसी को अधिक वो लगा घात की घात क्या जान पाये नहीं हम महत्तम हुए न लघुत्तम कहीं रेखा हाथों की मेरे कुछ अधिक वक्र ...9 वर्ष पहले
-
-
कम्बल और भोजन वितरण के साथ "अपंगता दिवस" संपन्न हुआ - *नई दिल्ली: विगत 3 दिसम्बर 2014 दिन-बधुवार को सुबह 10 बजे, स्थान-कोढ़ियों की झुग्गी बस्ती,पीरागढ़ी, दिल्ली में गुरु शुक्ल जैन चैरिटेबल ट्रस्ट (पंजीकृत) दिल...9 वर्ष पहले
-
जून 2014 के बाद की गज़लें/गीत (21) चलो-चलो यह देश बचायें ! (‘शंख-नाद’ से) - (सारे चित्र' 'गूगल-खोज' से साभार) चुपके-खुल कर अमन जलाते | खिलता महका चमन जलाते || अशान्ति की जलती ज्वाला से- सुखद शान्ति का भवन जलाते || हिंसा के दुर्दम प...10 वर्ष पहले
-
झरीं नीम की पत्तियाँ (दोहा-गीतों पर एक काव्य) (14) आधा संसार (नारी उत्पीडन के कारण) (क) वासाना-कारा (vi) कुबेर-सुत | - (सारे चित्र' 'गूगल-खोज' से साभार) दरिद्रता-दुःख-दीनता, निर्धनता की मार ! कितना पीड़ित विश्व में, है आधा संसार !! पुत्र कुबेरों के कई, कारूँ के कुछ लाल ! ज...10 वर्ष पहले
-
-
आहटें ..... - *आज भोर * *कुछ ज्यादा ही अलमस्त थी ,* *पूरब से उस लाल माणिक का * *धीरे धीरे निकलना था * *या * *तुम्हारी आहटें थी ,* *कह नहीं सकती -* *दोनों ही तो एक से...10 वर्ष पहले
-
झाँसी की रानी पर आधारित "आल्हा छंद" - झाँसी की रानी पर आधारित 'अखंड भारत' पत्रिका के वर्तमान अंक में सम्मिलित मेरी एक रचना. हार्दिक आभार भाई अरविन्द योगी एवं सामोद भाई जी का. सन पैंतीस नवंबर उ...10 वर्ष पहले
-
हम,तुम और गुलाब - आज फिर तुम्हारी पुरानी स्मृतियाँ झंकृत हो गई और इस बार कारण बना वह गुलाब का फूल जिसे मैंने दवा कर किताबों के दो पन्नों के भूल गया गया था और उसकी हर पंखुड़िय...10 वर्ष पहले
-
-
गाँव का दर्द - गांव हुए हैं अब खंढहर से, लगते है भूल-भुलैया से। किसको अपना दर्द सुनाएँ, प्यासे मोर पप्या ? आंखो की नज़रों की सीमा तक, शहरों का ही मायाजाल है, न कहीं खे...10 वर्ष पहले
-
-
संघर्ष विराम का उल्लंघन - जम्मू,संघर्ष विराम का उल्लंघनकरते हुए पाकिस्तानी सेना ने रविवार को फिर से भारतीय सीमा चौकियों पर फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू जिले के का...11 वर्ष पहले
-
प्रतिभा बनाम शोहरत - “ हम होंगें कामयाब,हम होंगें कामयाब,एक दिन ......माँ द्वारा गाये जा रहे इस मधुर गीत से मेरे अन्तःकरण में नए उत्साह का स्पंदन हो रहा था .माँ मेरे माथे को ...11 वर्ष पहले
-
आवरण - जानती हूँ तुम्हारा दर्प तुम्हारे भीतर छुपा है. उस पर मैं परत-दर-परत चढाती रही हूँ प्रेम के आवरण जिन्हें ओढकर तुम प्रेम से भरे सभ्य और सौम्य हो जाते हो जब ...11 वर्ष पहले
-
OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान - उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश *http://shabdvyuh.com/* ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2 गीतिका छंद वीर छंद या आल्हा छंद 'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक ...11 वर्ष पहले
-
इंतज़ार .. - सुरसा की बहन है इंतज़ार ... यह अनंत तक जाने वाली रेखा जैसी है जवानी जैसी ख्त्म होने वाली नहीं .. कहते हैं .. इंतज़ार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं ख़त्म भ...12 वर्ष पहले
-
यार की आँखों में....... - मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ उन्हे दिखाई नही देता। मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ उन्हें तारा नही दिखता। या खुदा! कहीं मेरे यार की आँखों में मोतियाबिंद...12 वर्ष पहले
-
आज का चिंतन - अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमय...12 वर्ष पहले
-
-
क्राँति का आवाहन - न लिखो कामिनी कवितायें, न प्रेयसि का श्रृंगार मित्र। कुछ दिन तो प्यार यार भूलो, अब लिखो देश से प्यार मित्र। ……… अब बातें हो तूफानों की, उम्मीद करें परिवर्तन ...12 वर्ष पहले
-
कल रात तुम्हारी याद - कल रात तुम्हारी याद को हम चाह के भी सुला न पाये रात के पहले पहर ही सुधि तुम्हारी घिर कर आई अहसास मुझको कुछ यूँ हुआ पास जैसे तुम हो खड़े व्याकुल हुआ कुछ मन...12 वर्ष पहले
-
HAPPY NEW YEAR 2012 - *2012* *नव वर्ष की शुभकामना सहित:-* *हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।* *पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।* *हर जोखिम से ...12 वर्ष पहले
-
"भइया अपने गाँव में" -- (बुन्देली काव्य-संग्रह) -- पं० बाबूलाल द्विवेदी - We're sorry, your browser doesn't support IFrames. You can still <a href="http://free.yudu.com/item/details/438003/-----------------------------------------...13 वर्ष पहले
-
अपनी भाषाएँ - *जैसे लोग नहाते समय आमतौर पर कपड़े उतार देते हैं वैसे ही गुस्से में लोग अपने विवेक और तर्क बुद्धि को किनारे कर देते हैं। कुछ लोगों का तो गुस्सा ही तर्क...13 वर्ष पहले
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-
-