आप आये
सर्द मौसम,आप आये
अकेलापन ,आप आये
दुखी था बमन,आप आये
बड़ी तडफन ,आप आये
खिल उठा मन,आप आये
हुई सिहरन,आप आये
मिट गया तम,आप आये
रौशनी बन ,आप आये
खनका आँगन,आप आये
बंधे बंधन,आप आये
बहका ये तन,आप आये
महका जीवन आप आये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
787. तुम्हें जीत जाना है
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तुम्हें जीत जाना है
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जीवन की हर रस्म निभाने का समय आ गया है
उस चक्रव्यूह में समाने का समय आ गया है
जिसमें जाने के रास्तों का पता नहीं
न बाहर निकलने का...
6 घंटे पहले