पते की बात
खुश रखो
कम से कम दो आदमी को ,
करो कोशिश ,खुश रखो तुम
दूसरा कोई भी हो पर,
मगर उनमे एक हो तुम
घोटू
1444-मैं चला जाऊँगा
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* रामेश्वर काम्बोज **‘हिमांशु’*
*मैं चला जाऊँगा *
*बहुत दूर*
*चाँद और सूरज से परे*
*अब लौट न पाऊँगा।*
*फिर भी *
*कभी हवा बनके*
*कुछ खुशबू ,*
*त...
2 घंटे पहले