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मंगलवार, 11 सितंबर 2012

मगर माँ बस एक है

             मगर माँ बस एक है

कई तारे टिमटिमाते,आसमां में रात भर,

                          मगर सूरज एक है  और चंद्रमां बस एक है
कहने को तो दुनिया में कितने करोड़ों देवता,
                           मगर जो दुनिया चलाता,वो खुदा बस एक है
कई टुकड़ों में गयी बंट,देश कितने बन गए,
                           ये धरा पर एक ही है,आसमां भी एक है
 कई रिश्ते है जहाँ में,भाभियाँ है चाचियाँ,
                         बहने है,भाई कई है ,मगर माँ  बस एक है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'    

जिंदगी हमने गमा दी,यूं ही शुभ और लाभ में

जिंदगी हमने गमा दी,यूं ही शुभ और लाभ में

रात दिन कुछ नहीं देखा,उम्र के सैलाब में

जिंदगी हमने गमा दी,यूं ही शुभ और लाभ में

रातदिन खटते रहे बस लक्ष्मी की चाह में

मुश्किलें थी,दिक्कतें थी,उन्नति की राह में
             मगर हम पिसते रहे
             एडियाँ   घिसते  रहे
सिर्फ दौलत और पैसा ही बसा था   ख्वाब में
जिंदगी हमने गमा दी,यूं ही शुभ और लाभ में

पंडितों को जन्मपत्री दिखा किस्मत पूछते

आश्रम,दरगाह,मंदिर, हम सभी को पूजते
              सभी से लुटते रहे
              और हम जुटते रहे
कभी टोने टोटके में,कभी पूजा ,जाप में
जिंदगी हमने गमा दी,यूं ही शुभ और लाभ में

सुख नहीं कोई उठाया,मुफलिसों से हम जिये

बहुत कुछ हमने कमाया,मगर सब किसके लिये
                उम्र के इस मोड़ पर
                गए सब संग छोड़ कर
इस बुढ़ापे में सहारा,कोई भी ना साथ में
जिंदगी हमने गमा दी,यूं ही शुभ और लाभ में

मदन मोहन बाहेती'घोटू'



सोमवार, 10 सितंबर 2012

पार्टी प्रवक्ता

पार्टी  प्रवक्ता

जब भी हमारे विरोध में कोई मामला उठता  है

सफाई देने के लिए हमारे पास  हमारे  प्रवक्ता  है
एक है जो खुले आम उलटे आरोप  उछालता  है
एक है जो विरोधी की जन्म पत्री खंगालता  है
एक है जो झूंठ बोलते समय खुदा से डरता है
इसलिए ऐसे बयान देते समय आँखें बंद करता है
हम विरोधियों का नहीं,ज्यादा संज्ञान लेते है
पानी जब सर से गुजरता है,तभी बयान देतें है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'




मेरी माँ,दुनिया की सबसे अच्छी माँ है

मेरी माँ,दुनिया  की  सबसे अच्छी माँ है

धवल रजत से केश,स्वच्छ हैं,मन से उजले
यादों के सैलाब,वृद्ध  आँखों में   धुंधले
बार बार,हर बात,भूलती है दुहराती
खुश होती तो स्वर्ण दन्त,दिखला मुस्काती
ममता का सागर अथाह है जिसके मन में
देख लिए नब्बे बसंत ,जिसने जीवन में
नाती,पोते,बेटी और बेटों से मिल कर
अब भी फूल बिखर जाते,चेहरे पर खिल कर
कभी कभी गुमसुम बैठी ,कुछ सोचा करती
जीवन के किस कालखंड में पहुंचा करती
बाबूजी को याद किय करती है मन में
अक्सर भटका करती यादों के उपवन में
बूढी आँखों में ममता,वात्सल्य भरा है
मेरी माँ ,दुनिया की सबसे अच्छी माँ है

मादन मोहन बाहेती'घोटू' 

रविवार, 9 सितंबर 2012

कौन बनेगा करोडपति

      कौन बनेगा करोडपति

अमिताभ बच्चन  टी.वी.पर एक खेला दिखलाते है
बारह तेरह प्रश्नों के  उत्तर देनेवाले को करोडपति बनाते है
नेताजी के बेटे ने पकड़ ली ये जिद्दी
कि उसको भी खेलना है कौन बनेगा करोडपति
नेताजी बोले तू ये खेल नहीं खेल पायेगा
दूसरे तीसरे प्रश्न पर ही अटक जाएगा
 और फालतू में मेरा नाम डूबायेगा
अरे करोडपति बनने के लिए जुगाडी होना जरूरी है
या किसी नेता से रिश्तेदारी होना जरूरी है
करोर्पति ही बनना है तो अपने नाम 2 G  स्पेक्ट्रम करवाले
या कोल ब्लाक का आबंटन करवाले
बेटा तू  के बी सी  में जाने कि जिद छोड़
वहां ज्यादा से ज्यादा क्या मिलेगा-पांच करोड़
और अगर एक कोल ब्लोक भी तेरे नाम हो जाएगा
तू कितने ही करोड़ों का मालिक बन जाएगा
बेटा बोला पापा,केबीसी में तो पांच करोड़ मिलेंगे,
तेरह प्रश्नों के सही उत्तर के बाद
और ये मामला अगर केग रिपोर्ट में आगया ,
तो आपको संसद में देने पड़ेगें कई प्रश्नों के जबाब
नेताजी बोले,बेटा तू फालतू में डरता है
जबाब देने के लिए,पार्टी के प्रवक्ता है

मदन मोहन बाहेती'घोटू'  

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