सच है कि हर जन-गन-मन आज प्याज के आँसू रोता है,
पर ये भी सच कि अपना भारत सूरज बन चमकता है।
नेता,अफसर शासक में कुछ सच है कि हैं भ्रष्टाचारी,
कठिन डगर में लेकिन फिर भी ऊँची हुई मसाल हमारी।
सौ कोटि हम हिन्दुस्तानी सौ टुकड़ों में रहते हैं,
पर सौ कोटि हम एक ही बनके दुनिया का ताज पहनते हैं।
नई दुल्हन को बिठाये हुए लुट जाए कहार की ज्यों पालकी,
चंद लोगों ने कर रखी है आज हालत त्यों हिन्दुस्तान की।
सामरिक,आर्थिक,नैतिक बल में भारत जैसा कोई नहीं है,
धर्मनिरपेक्षता, एकता, अखंडता, मानवता में हमसा कोई नहीं है।
खेल जगत में उदीयमान हिन्द भारत भाग्य विधाता है,
हर क्षेत्र में मजबूत ये धरिनी, महिमा हर कोई गाता है।
पूरब से लेके पश्चिम तक है साख फैलाये जनतंत्र हमारा,
हर एक देश ने माना लोहा, है सबसे विराट गणतंत्र हमारा।
( इस गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
हम सबको एक भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए।