तुमको हमारी उम्र लग जाए
मेरी पत्नी हर साल करवा चौथ का व्रत करती है
मुझसे प्यार करने का दम भरती है
दिन भर भूखी प्यासी रहकर
प्रार्थना करती है कि हे ईश्वर
मेरा सुहाग रहे अजर अमर
उसको लग जाए मेरी उमर
भगवान ने उसकी सुन ली है,
उसके भाग्य जग गए हैं
उसकी उम्र के दस साल
मुझे लग गए हैं
मैं अपनी उम्र से बड़ा दिखता
हूं दस साल
और वह अपनी उम्र से छोटी दिखती है दस साल
ये है करवा चौथ व्रत का कमाल
क्योंकि शादी के समय मेरी उम्र थी पच्चीस
उसकी उम्र थी बीस
और शादी के बीस साल बाद ,
उम्र के मामले में ,
मैं उसके सामने नहीं टिकता हूं
वह खुद को तीस साल का बताती है
और मैं पचपन का दिखता हूं
मदन मोहन बाहेती घोटू
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया अपने बहुमूल्य टिप्पणी के माध्यम से उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करें ।
"काव्य का संसार" की ओर से अग्रिम धन्यवाद ।